कोटा/बूंदी। बाघ-चीता मित्र एवं चम्बल संसद के संयोजक बृजेश विजयवर्गीय ने राज्य के वन मंत्री संजय शर्मा को पत्र लिखकर बूंदी जिले के रामगढ़ में सरिस्का से बाघ स्थानांतरित करने का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार के इस कदम से हाडोती में पर्यटन विकास का महत्वपूर्ण आयाम स्थापित होगा। पर्यटन विकास की इस श्रृंखला को सतत बनाए रखने के लिए यहां पर्याप्त संख्या में मॉनिटरिंग और जन भागीदारी को सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
केवल वन विभाग के अधिकारियों के हवाले जंगल की व्यवस्था नहीं होना चाहिए। जन भागीदारी का प्रबंधन में उच्च स्थान होना चाहिए। मुकुंदरा एवं रामगढ़ को अति शीघ्र पर्यटन के लिए खोला जाए । रामगढ़ और मुकुंदरा के लिए सुरक्षित प्राकृतिक कॉरिडोर भी विकास होना चाहिए, जिससे कि बाघ एक दूसरे जंगल में जा सके। बाघ -चीता मित्रों ने वन्य जीव अभ्यारण के लिए सुरक्षा दीवारों को बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
हाडोती के बाघ संरक्षित वनों में पर्याप्त संख्या में अधिकारी और मॉनिटरिंग के लिए कर्मचारियों की तैनाती की जाए। वर्तमान में काफी संख्या में कर्मचारियों और अधिकारियों के पद खाली है। विजयवर्गीय ने कहा कि मुकुंदरा बाघ रिजर्व में मुख्य वन संरक्षक का पद कई महीनो से खाली चल रहा है और 35% स्टाफ की कमी है।
दुर्भाग्यवश गत वर्षों में मुकुंदरा एवं रामगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघों की रहस्यमयी मौत हो चुकी है और उसमें विभाग की लापरवाही प्रमुख कारण रही है। सरकार को चाहिए कि पर्याप्त संख्या में स्टाफ और संसाधन मुकुंदरा एवं रामगढ़ प्रशासन को उपलब्ध कराया जाए। इसी के साथ वन्यजीव प्रबंधन में जन भागीदारी को भी सुनिश्चित किया जाए। यदि सरकार ऐसा करती है तो बाघों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।