Jio सहित 5 कंपनियों पर रेवेन्‍यु छिपाने का आरोप, कैग की रिपोर्ट

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नई दिल्‍ली।  रिलायंस Jio, टाटा टेलीसर्विसेस, टेलीनॉर, वीडियोकाॅन टेलीकॉम और वीडियोकॉन ग्रुप की कंपनी Qaudrant पर CAG के ऑडिट में अपनी आय कम दिखाने का आरोप लगाया है। इसके चल‍ते सरकार को 2,578 करोड़ रुपए का रेवेन्‍यु लॉस हुआ है।

CAG के अनुसार इन कंपनियों ने लाइसेंस फीस के रूप में 1,015.17 करोड़ रुपए, स्‍पैक्‍ट्रम यूजेज चार्जेज के रूप में 511.53 करोड़ रुपए और डिले पेमेंट पर 1,052.13 करोड़ रुपए ब्‍याज के रूप में नहीं चुकाया है।
 
सरकार को किस कंपनी ने दिया कम रेवेन्‍यु
टाटा टेलीसर्विसेस ने 1,893.6 करोड़ रुपए, टेलीनॉर 603.75 करोड़ रुपए, वीडियोकाॅन 48.08 करोड़ रुपए, Quadrant ने 26.62 करोड़ रुपए और रिलायंस Jio ने 6.78 करोड़ रुपए सरकार को विभिन्‍न टैक्‍स के रूप में कम चुकाया है।
 
CAG के ऑडिट में मिली खामियां
CAG ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट में कहा है कि टेलीकॉम सेक्‍टर की प्राइवेट कंपनियों के आॅडिट में पता चला है कि वर्ष 2014-15 के दौरान इन कंपनियों ने एडजेस्‍टेड ग्रॉस रेवेेन्‍यु (एजीआर) 14,813.97 करोड़ रुपए कम दिखाया है।

इसके चलते सरकार को 1,526.7 करोड़ रुपए का रेवेन्‍यु कम मिला है। संसद में रखी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि मार्च 2016 तक सरकार को 1,052.13 करोड़ रुपए बयाज के रूप में कम चुकाया गया है।

 कहां कहां हुई चूक
CAG ने अपने आबजर्वेशन में कहा है कि इन कंपनियों कस्‍टमर को दिए डिस्‍काउंट ऑफर, फ्री टॉक टॉइम, निवेश पर ब्‍याज की आय सहित अपनी कुछ संपत्तियों को बेचने से हुए मुनाफ को अपने ग्रॉस रेवेन्‍यु में नहीं दिखाया है।

CAG के अनुसार यह रेवेन्‍यु भी ग्रॉस रेवेन्‍यु का हिस्‍सा है। CAG के अनुसार कंपनियों ने फ्री टॉक टाइम का आफर दिया, लेकिन ‘एयरटॉइम’ फ्री कमोडिटी नहीं है। इसकी अपनी वैल्‍यू है। कंपनियों ने इस बात की अनदेखी की है जिसके चलते ऐसा हुआ है।