Paddy Price: धान की गिरती कीमतों पर हाड़ोती किसान यूनियन ने चिंता जताई

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पिछले साल के मुकाबले किसानों को 1500 रुपये क्विंटल का नुकसान

कोटा। Paddy Price: हाड़ोती किसान यूनियन के प्रतिनिधि एवं राष्ट्रीय युवा संगठन के पूर्व प्रदेश संयोजक जगदीश कुमार ने संभागीय किसान प्रतिनिधियों से धान एवं सोयाबीन के मूल्यों में हों रहीं कमी पर चर्चा कर प्रधानमंत्री, वाणिज्य मंत्री एवं केन्द्रीय कृषि मंत्री को पत्र प्रेषित कर किसानों को राहत दिये जाने का आग्रह किया है। जगदीश कुमार ने प्रेषित पत्रों में अवगत करवाया कि धान उत्पादकों एवं सोयाबीन उत्पादकों को विगत वर्ष से कम मूल्यों पर फसल बेचने से करोड़ों रुपए की हानि उठानी पड़ रही है।

वरिष्ठ किसान नेता एवं हाड़ोती किसान यूनियन के महामंत्री दशरथ कुमार, सूरजमल नागर, भंवरलाल चौधरी, मनवीर सिंह, रामप्रसाद सेनी, शंकरलाल नागर, रामस्वरूप नागर, दिनेश गौतम आदि ने यूनियन प्रतिनिधि से केंद्रीय स्तर पर राहत दिलाये जाने के लिए प्रेषित पत्र में प्रधानमंत्री एवं संबंधित केंद्रीय मंत्रियों को अवगत करवाया है। उन्होंने लिखा है कि कोटा संभाग में करीब एक लाख अठत्तर हजार हेक्टेयर भूमि में विभिन्न किस्मों की बासमती धान की बुआई की गई थी, जिसका औसत उत्पादन लगभग 90 लाख क्विंटल संभावित है।

पिछले दो वर्षों से केन्द्र सरकार की किसान हितैषी नीति के कारण धान का औसत मूल्य 3600 से 4200 रुपए प्रति क्विंटल धान उत्पादकों को प्राप्त हो रहा था, जिससे प्रभावित होकर इस वर्ष धान उत्पादकों ने अधिक रकबे में फ़सल की बुआई की। परन्तु इस वर्ष धान उत्पादकों को पिछले दो वर्षों की स्थिति में एक 1000 से 1500 रुपए प्रति क्विंटल का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

दशरथ कुमार ने अवगत करवाया कि गिरते मूल्यों को केन्द्र सरकार की ओर से नियंत्रित नहीं किया गया एवं प्राथमिकता से धान उत्पादकों को राहत नहीं दी गई तो कोटा संभाग में लगभग धान उत्पादक किसानों को 900 से 1400 करोड़ रुपयों की हानि उठाने के लिए विवश होना पड़ेगा। कोटा संभाग के एक लाख से अधिक किसान परिवारों का कृषि से मोह भंग होने की स्थिति बनेगी।

जगदीश कुमार ने प्रेषित पत्र में अवगत करवाया कि 2021-22, 2022-23 तथा 2023-24 में धान का औसत मूल्य क्रमश: 2685, 3600, 4000 प्रति क्विंटल प्राप्त हुआ था। वर्तमान समय में 2200 से 2800 रुपए प्रति क्विंटल औसत मूल्य मिलने से किसानों में आक्रोश पैदा होने लगा है। उन्होंने चेतावनी दी है कि किसानों की मांग पर ध्यान नहीं दिया तो आन्दोलन करना पड़ेगा।