कोटा। कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव एवं दी एसएसआई एसोसियेशन के सलाहकार बोर्ड के निदेशक अशोक माहेश्वरी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने खान एवं पेट्रोलियम विभाग के सचिव और कोटा के प्रभारी टी रविकांत से भेंटकर मिल्लर एवं माइनिंग व्यवसाय को उद्योग का दर्जा दिए जाने की मांग की है।
माहेश्वरी ने टी रविकांत को बताया कि राजस्थान सरकार द्वारा राज्य के दो प्रमुख व्यवसाय पर्यटन एवं एग्रो बेस्ड इंडस्ट्रीज को उद्योग का दर्जा दे दिया गया है। जबकि राज्य का प्रमुख उद्योग मिल्लर एवं माइंस को अभी तक उद्योग का दर्जा नहीं दिया गया है।
उन्होंने बताया कि उद्योग का दर्जा नहीं दिए जाने से इस क्षेत्र में काम करने वाले व्यवसाईयों को बैंकों द्वारा ऋण नहीं दिया जाता है। साथ ही अन्य छूटें भी नहीं दी जाती हैं। इस व्यवसाय में बड़े निवेश के बिना काम नहीं किया जा सकता है। हाड़ौती में कोटा स्टोन, सेंड स्टोन एवं मंडाना स्टोन जैसी स्टोन की भारी मात्रा में माइनिंग होती है और आज यह व्यवसाय भारी मंदी के दौर से गुजर रहा है। इसको प्रोत्साहन देने एवं पुनरुत्थान की जरूरत है।
हाड़ौती समेत पूरे राज्य के हर संभाग में स्टोन एवं माइनिंग का बहुत बड़ा कार्य है जो पूरे राज्य की अर्थव्यवस्था रोजगार का बहुत बड़ा साधन है। अगर इस व्यवसाय को उद्योग का दर्जा मिल जाता है तो इस क्षेत्र में और अधिक विकास हो सकेगा।
खान एवं पेट्रोलियम विभाग के सचिव व कोटा के प्रभारी टी रविकांत ने आश्वस्त किया कि सरकार का उद्देश्य राज्य के प्रमुख माइनिंग, खनन मिल्लर व्यवसाय को गति प्रदान करना है। क्योंकि यह व्यवसाय राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
उन्होंने भरोसा दिलाया की उनके प्रस्ताव को राज्य सरकार के समक्ष रखेंगे। इस अवसर पर कैट के जिला अध्यक्ष अनिल मूंदड़ा एवं होटल फेडरेशन आफ राजस्थान कोटा संभाग के महासचिव संदीप पाडिया मौजूद थे ।