नई दिल्ली। आने वाले समय में उस देश की धाक होगी जिसके पास सेमीकंडक्टर की ताकत होगी। ऐसे में गुरुवार को भारत और सिंगापुर के बीच सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में इकोसिस्टम बनाने के लिए किया गया समझौता दोनों देशों को एक बड़ी बढ़त देने की क्षमता रखता है।
मोटे तौर पर यह समझौता सेमीकंडक्टर निर्माण में जुटी सिंगापुर की कंपनियों की पूंजी व प्रौद्योगिकी को भारतीय टैलेंट व इंफ्रास्ट्रक्चर के बीच संपर्क पुल का काम करेगा।
पीएम नरेन्द्र मोदी और पीएम लौरेंस वोंग के समक्ष गुरुवार को इस बारे में 26 अगस्त, 2024 को आइटी व इलेक्ट्रोकनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव और सिंगापुर के व्यापार व उद्योग मंत्री गन किम योंग के बीच किये गये समझौते का आदान-प्रदान किया गया।
समझौता सिंगापुर की कंपनियों को भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण के विभिन्न क्षेत्रों में उतरने के लिए जरूरी मदद व सुविधाएं प्रदान करेगा। माना जा रहा है कि इस तरह का एक और समझौता जल्द ही भारत व ताइवान के बीच होने वाली है।