नई दिल्ली। कपास तेल यानी कॉटन वॉश ऑयल (cotton wash oil) में आज वायदा कारोबार शुरू हो गया। कमोडिटी एक्सचेंज नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) पर आज cotton wash oil का दिसंबर अनुबंध लॉन्च हुआ। इस कमोडिटी के एक लॉट का आकार 5 टन है और इसका मुख्य सेंटर गुजरात स्थित कड़ी है।
कमोडिटी एक्सचेंज पर NCDEX पर कॉटन वॉश ऑयल का दिसंबर अनुबंध पहले दिन 961 रुपये के भाव पर खुला। खबर लिखे जाने के समय यह अनुबंध 967 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा था। इस समय इसने 970 रुपये के भाव पर दिन का उच्च और 951 रुपये के भाव पर दिन का निचला स्तर छू लिया।
कमोडिटी विश्लेषक और एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज लिमिटेड में सीनियर एसोसिएट्स (रिसर्च) रविशंकर पांडेय ने कहा कि कॉटन वॉश ऑयल में पहली बार वायदा कारोबार शुरू हुआ है। इसमें अच्छा कारोबार होने की संभावना है क्योंकि यह एक कैश सेटलमेंट अनुबंध है।
इसका मतलब हुआ कि अगर किसी निवेशक की पॉजिशन एक्सपायरी के समय ओपन रह जाती है, तब भी उसके लिए इसे फिजीकल मार्केट से खरीदने की अनिवार्यता नहीं होगी। अन्य मामलों में अनुबंध के एक्सपायरी के समय पॉजिशन ओपन रहने पर संबंधित कमोडिटी को फिजिकल मार्केट से खरीदना पड़ता है। ऐसा न करने पर जुर्माना भरना होता है। कॉटन वॉश ऑयल के मामले में ऐसा नहीं होगा।
क्या है कॉटन वॉश ऑयल
कॉटन वॉश ऑयल कपास से निकलने वाले बीज की पेराई करने पर निकलता है। पांडेय ने कहा कि बीज की पेराई पर 12 से 15 फीसदी कपास तेल निकलता है। इस तेल का उपयोग चिप्स इंडस्ट्री में किया जाता है। इसके साथ ही गुजरात में इसे सीधे भी खाया जाता है। इस तेल का उपयोग महंगे खाद्य तेलों में मिलाने में भी किया जाता है।
गुजरात में ही इस तेल की सबसे ज्यादा खपत होती है। एक अनुमान के मुताबिक देश में इस तेल का सालाना उत्पादन 12 से 15 लाख टन है। फिजिकल मार्केट में इस तेल का भाव 900 से 950 रुपये प्रति 10 किलो चल रहा है।