संगीत संध्या में गूंजे मुकेश के तराने, कायस्थ समाज के प्रतिभागियों ने बिखेरा सुरों का जादू

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कोटा। स्व.मुकेश की याद में एलबीएस परिसर महावीर नगर विस्तार योजना में अखिल भारतीय कायस्थ महासभा कोटा द्वारा संगीत शाम सजाई गई। महासभा प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप माथुर ने बताया की कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एलन करियर इंस्टीट्यूट के निदेशक गोविन्द माहेश्वरी, सृजन द स्पार्क ग्रुप कोटा के अध्यक्ष डॉ.सरदाना रहे।

कार्यक्रम निदेशक राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि चित्रांश आर्ट्स एंड कल्चर एकेडमी फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान मे इस कार्यक्रम की रूपरेखा तय की गई। समन्वयक कुमार सुनील ने बताया कि कार्यक्रम में हाड़ौती सहित जयपुर के 30 कायस्थ समाज की प्रतिभागियों ने अपने सुरों का जादू बिखेरा। कोटा के मुकेश नाम से विख्यात राजीव मल्होत्रा एवं अजय जैन ने मुकेश के हर दिल अजीज गानों को सुनाकर संगीत प्रेमियों के दिल में मुकेश की याद को जिंदा कर दिया।

इस अवसर गोविंद माहेश्वरी व विजय सरदाना ने भी सुरो से अपने आप को जोड़ा और मुकेश के सदाबहार गीतो को अपनी मधुर आवाज में सुना कर दर्शकों का दिल जीता। कुलदीप माथुर ने बताया कि आस्था सक्सेना को संगीत के क्षेत्र में समाज की ओर से ट्राफी व प्रमाण पत्र देकर लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।

कुलदीप माथुर ने स्वागत भाषण में स्व.गायक मुकेश के जीवन के कई अनछुए पहलुओं को बताया और कहा कि इस प्रकार के आयोजन हमारे महान कलाकारों को हमारा नमन व श्रद्धा सुमन तो है ही साथ ही यह समाज की प्रतिभाओं को आगे लाने का कार्य भी करते हैं। गोविंद माहेश्वरी व विजय सरदाना ने कहा कि संगीत सभी सरहदें तोड़ देता है। संगीत के माध्यम से मानव जाति ने हमेशा से एकता और सद्भाव का संदेश दिया है।

ढलती रही शाम जमता रहा रंग
एलबीएस परिसर में शाम के ढलते-ढलते कायस्थ समाज की प्रतिभा से सुरीली यादों की महफिल सजने लगी। समाज के लोगो ने एक से बढ़कर एक गीत पेश कर मुकेश की याद को दर्शकों के दिल में जिंदा किया। मंच पर कलाकारों द्वारा मुकेश के लोकप्रिय गीतों की प्रस्तुति दी गई। “दिल तड़प तड़प के कह रहा है”, “ओ मेरे सनम”, और “कभी कभी मेरे दिल में” जैसे उनके यादगार गीत गूंजें। दुनिया बनाने वाले…एक प्यार का नगमा है…मैं पल दो पल का शायर हूं पर बहुत देर तक तालियां बजती रही। कायस्थ समाज की 30 प्रतिभाओं ने 5 से 7 मिनट मे अपने गीतों की प्रस्तुति दी। देर रात तक लोग मुकेश के तरानो को सुनते रहे और अपने तालियों से एलबीसएस परिसर को गूंजाएमान करते रहे।

यह क्रम चला प्रस्तुतियों का…
कार्यक्रम निदेशक राकेश श्रीवास्तव व कार्यक्रम संयोजक सुनील भटनागर ने बताया की मुकेश प्रेमी शिखा कुलश्रेष्ठ, सुनील भटनागर, मेरा प्यार भी तू है, सुहास वर्धन सक्सेना तुम किसी और को, राजेश श्रीवास्तव तौबा ये मतवाली चाल, सुरेन्द्र बहादुर सक्सेना कई बार यूं भी देखा है, आनंद सक्सेना दुनिया बनाने वाले, अरविंद सक्सेना बहारों ने मेरा चमन लूटकर, सुहास वर्धन सक्सेना शोभा सक्सेना हम तो तेरे आशिक हैं, राजेश भटनागर आ अब लौट चलें, राजेश भटनागर, पूजा भटनागर हम तुम चोरी से, शुभम सक्सेना चंदन सा बदन, सीपी सक्सैना चांद सी महबूबा, सुनील भटनागर तेरी गलियों में, राकेश श्रीवास्तव चांद आहें भरेगा, राकेश श्रीवास्तव संजय माथुर सात अजूबे इस दुनिया में, कुलदीप माथुर शिखा कुलश्रेष्ठ एक प्यार का नगमा है, अभिषेक सक्सेना मैं पल दो पल का शायर हूं, विनोद माथुर मैंने तेरे लिए ही, जोलेश माथुर नीतू माथुर सावन का महीना, फूल तुम्हें भेजा है खत में, मृदुला सक्सेना पियूष वर्धन सक्सेना ज्योत से ज्योत जलाते रहो, विनोद सक्सेना दीवानों से यह मत पूछो, संजय माथुर वर्षा श्रीवास्तव मैं ना भूलूंगा मैं ना भूलूंगी ,देवेंद्र सिन्हा डम डम डिगा डिगा, तुषार घोष और मेरे यूं तो जमाने के लिए गीत पेश किये।