मुंबई। भारतीय शेयर बाजार में आई जबरदस्त तेजी का दौर मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से दुनिया की टॉप 10 देशों की रैंकिंग में लगातार बड़े बदलाव कर रहा है। इंडियन स्टॉक मार्केट इस साल अब तक अपने मार्केट कैपिटलाइजेशन में आई 49 पर्सेंट की तेज उछाल के साथ टॉप 10 लिस्ट में कनाडा को पीछे छोड़ते हुए डॉलर टर्म में पहली बार 8वें नंबर पर आ गया है।
ब्लूमबर्ग के डेटा के मुताबिक बुधवार को इंडिया का मार्केट कैपिटलाइजेशन 2.28 लाख करोड़ डॉलर जबकि कनाडा का मार्केट कैप 2.21 लाख करोड़ डॉलर रहा।इस साल अब तक इंडिया का मार्केट कैपिटलाइजेशन 46 पर्सेंट बढ़ा है। इस हिसाब से टॉप 10 मार्केट कैप वाले देशों में सबसे तेज उछाल इंडिया में ही आई है।
इस दौरान कनाडा के मार्केट कैपिटलाइजेशन में 12.4 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई है। इंडिया के मार्केट कैपिटलाइजेशन में तीन वजहों से बढ़ोतरी हुई है। पहली, इसका बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स रुपी टर्म में 24 पर्सेंट चढ़ा है। दूसरा, इस साल लोकल करेंसी यानी रुपये में डॉलर के मुकाबले 12 पर्सेंट की मजबूती आई है।
लोकल करेंसी में आई मजबूती डॉलर के हिसाब से ज्यादा पड़ता है। बड़े इमर्जिंग मार्केट्स में रुपये में डॉलर के मुकाबले चौथी सबसे बड़ी ऊंची उछाल आई है। तीसरी, आईपीओ मार्केट में बढ़ी गहमागहमी का भी मार्केट कैपिटलाइजेशन बढ़ाने में बड़ा हाथ रहा है।
इस साल अब तक 82 इंडियन कंपनियों ने आईपीओ के जरिए 71,687 करोड़ रुपये ($11.2 अरब) से ज्यादा रकम जुटार्इ। इनके चलते मार्केट फ्लोट में $160 अरब की बढ़ोतरी हुई। ईटीआईजी डेटाबेस के मुताबिक, आईपीओ रूट से इस साल किसी भी कैलेंडर ईयर में सबसे ज्यादा रकम जुटाई गई है।
इंडियन शेयर मार्केट में इतना ज्यादा रिटर्न जेनरेट होने के बावजूद टोटल वर्ल्ड कैपिटलाइजेशन में भारतीय बाजार की हिस्सेदारी 2010 के लेवल से 13.8 पर्सेंट कम है। ग्लोबल मार्केट कैपिटलाइजेशन में इंडिया का शेयर 2.87 पर्सेंट है जबकि इसका 10 साल का औसत 2.46 पर्सेंट है।