मोदी सरकार ने एनडीए के साथियों के दबाव में लैटरल एंट्री पर लगाई रोक

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नई दिल्ली। Ban on lateral entry: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर केंद्र सरकार में लैटरल एंट्री पर रोक लगा दी गई है। यूपीएससी से कहा गया है कि वो लैटरल एंट्री से नियुक्ति न करे। कार्मिक विभाग के मंत्री जितेंद्र सिंह ने यूपीएससी चेयरमैन प्रीति सूदन को पत्र लिखकर कहा है कि इस नीति को लागू करने में सामाजिक न्याय और आरक्षण का ध्यान रखा जाना चाहिए।

दरअसल, लैटरल एंट्री में आरक्षण का मुद्दा कांग्रेस पार्टी ने उठाया जिसके बाद एनडीए के सहयोगियों जेडीयू और एलजेपी (रामविलास) ने भी आपत्ति जताई। लोकसभा चुनावों में आरक्षण के मुद्दे पर तगड़ा झटका खा चुकी बीजेपी ने इस मुद्दे पर राजनीति गरमाने से पहले कदम वापस ले लिए।

विभागीय मंत्री जीतेंद्र सिंह ने यूपीएससी चेयरमैन को लिखे अपने पत्र में कहा है कि केंद्र सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर ‘लेटरल एंट्री’ के जरिए लोगों को नियुक्त किया जा रहा है। हाल ही में यूपीएससी ने केंद्र सरकार के विभिन्न स्तरों पर ‘लेटरल एंट्री’ के लिए विज्ञापन जारी किया था।

उन्होंने कहा कि ‘लेटरल एंट्री’ को लेकर पहले भी कई विवाद हुए हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न मंत्रालयों में सचिव पद या UIDAI के प्रमुख पद आदि अनेक पदों पर पूर्व की सरकारों में ‘लेटरल एंट्री’ के जरिए बिना किसी आरक्षण के लोगों को नियुक्त किया गया था। उन्होंने कहा है कि यह एक एडहॉक माध्यम था और इसमें भाई-भतीजावाद का बोलबाला था।

सिंह ने आगे कहा कि मौजूदा सरकार ‘लेटरल एंट्री’ की प्रक्रिया को संस्थागत, पारदर्शी और खुला बनाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह प्रक्रिया हमारे संविधान में निहित समानता और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के अनुरूप होनी चाहिए।

उन्होंने विशेष रूप से आरक्षण के प्रावधानों का जिक्र किया और कहा कि प्रधानमंत्री का मानना है कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण हमारे सामाजिक न्याय की नींव है, जिसका लक्ष्य ऐतिहासिक अन्यायों को दूर करना और समावेशी समाज बनाना है।

सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार में कई ऐसे पद हैं जो विशेषज्ञता वाले हैं और जिनमें सिंगल कैडर पोस्ट की व्यवस्था है। इन पदों पर आरक्षण का प्रावधान नहीं है, जिसकी समीक्षा करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह पहलू प्रधानमंत्री के सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करने के लक्ष्य के अनुरूप नहीं है। इसलिए, उन्होंने यूपीएससी से 17 अगस्त 2024 को जारी ‘लेटरल एंट्री’ से भर्ती के विज्ञापन को रद्द करने का निर्देश दिया है। सिंह ने कहा कि इस कदम से सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण प्रगति होगी।