जैन मंदिर रिद्धि- सिद्धि नगर में संगीतमय भक्तामर मंडल विधान का आयोजन आज
कोटा। चंद्र प्रभु दिगम्बर जैन समाज समिति की ओर से जैन मंदिर रिद्धि- सिद्धि नगर कुन्हाड़ी में चातुर्मास के अवसर पर संगीतमय भक्तामर मंडल विधान का आयोजन रविवार दोपहर 12.30 से 3.30 बजे तक किया जाएगा।
चातुर्मास समिति के अध्यक्ष टीकम पाटनी और महामंत्री पारस बज खजुरी ने बताया कि कर्मदहन सर्वविघ्न हरण भक्तामर एवम पार्श्वनाथ मंडल विधान मंदिर परिसर में आयोजित होंगे। इससे पूर्व पूजन एवम निर्वाण लड्डू प्रात: 8.00 बजे, प्रवचन प्रात: 9 बजे से, जिनवाणी मंदिर का शिलान्यास सांय 4 बजे किया जाएगा।
इस अवसर पर आदित्य सागर मुनिराज ने अपने नीति प्रवचन में कहा कि हमें आंखों की सात्विकता बनाई रखनी चाहिए। आंखों की सात्विकता हमारे मन को संयमित बनाती है। आंखें मन चित व आत्मा का दर्पण होती है। आपके मन में क्या है, यह आंखों से मालूम चल जाता है।
उन्होंने कहा कि आजकल लोग भौतिकवादी हो रहे हैं, ऐसे में वह सात्विकता को खोते जा रहे हैं। जो सात्विकता से दूर होगा वह आध्यमिकता से अपने आप दूर चला जाएगा। आंखों से सात्विक बने गलत चीजों का न देखें और यदि एक बार देखने के बावजूद आंखे बार बार उसी ओर जाए तो फिर आपका आई मैनेजमेंट सही नहीं है। आपको आपने नजरिये का इलाज करवाना होगा।
आदित्य सागर महाराज ने कहा कि आंखों के लैंस से जरूरी चीजें ही कैद कर आत्मा तक पहुंचाएं। अनावश्यक चीजें जाएंगी तो आपकी आत्मा का डेटाबेस बिगड जाएगा। जैसे आपके फोन के मेमोरी कार्ड की क्षमता के अनुसार ही डेटा आता है वैसे ही आंखो से सीमित डेटा ही आत्मा तक पहुचाएं।
उन्होंने कहा कि आंखें आत्मा का कंडेटर होती है। जो उसे सिंग्नल देने का काम करती है। क्षमा, कोध्र, सात्विकता, धर्म, नीति,अपनापन, प्यार को बताती है। परन्तु भौतिकता के दौर में आंखो की शर्म समाप्त होती जा रही है।
इस अवसर पर सकल जैन समाज के संरक्षक राजमल पाटौदी, अध्यक्ष विमल जैन नांता रिद्धि- सिद्धि जैन मंदिर के अध्यक्ष राजेन्द्र गोधा, सचिव पंकज खटोड़, कोषाध्यक्ष ताराचंद बडला, चातुर्मास समिति के अध्यक्ष टीकम चंद पाटनी, मंत्री पारस बज, कोषाध्यक्ष निर्मल अजमेरा सहित कई शहरों के श्रावक मौजूद रहे।