नई दिल्ली। सऊदी अरब, इराक, यमन, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) तथा अमरीका जैसे देशों की जोरदार मांग के कारण चालू कैलेंडर वर्ष की पहली छमाही में यानी जनवरी जून 2024 के दौरान भारत से बासमती चावल का निर्यात उछलकर 31.50 लाख टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया जो वर्ष 2023 की समान अवधि के शिपमेंट 25.40 लाख टन से 6.10 लाख टन या 27.3 प्रतिशत अधिक रहा।
इससे पूर्व वर्ष 2020 की पहली छमाही में 29 लाख टन बासमती चावल का रिकॉर्ड निर्यात हुआ था जबकि 2024 का निर्यात उससे भी 2.50 लाख टन ज्यादा रहा। जून 2024 का निर्यात प्रदर्शन भी बेहतर रहा जब बासमती चावल का शिपमेंट बढ़कर 4,81,694 टन पर पहुंच गया। यह मात्रा जून 2023 के निर्यात से करीब 41 प्रतिशत तथा मई 2024 के शिपमेंट से 3.3 प्रतिशत अधिक रही इतना ही नहीं बल्कि वर्ष 2010 के बाद वर्ष 2024 के जून माह में बासमती चावल का सर्वाधिक निर्यात हुआ।
जून में ईरान, संयुक्त अरब अमीरात तथा अमरीका में इसकी अधिक मांग रही। इसके मुकाबले जून 2023 में देश से 3,41,800 टन बासमती चावल का निर्यात हुआ था। चालू वर्ष की पहली छमाही के दौरान पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले भारत से बासमती चावल का निर्यात सऊदी अरब में 23 प्रतिशत बढ़कर 7.20 लाख टन, इराक में 38 प्रतिशत उछलकर 5.31 लाख टन, यमन में 34 प्रतिशत बढ़कर 1.87 लाख टन,
अमरीका में 25 प्रतिशत बढ़कर 1.27 लाख टन और संयुक्त अरब अमीरात में 19 प्रतिशत बढ़कर 1.80 लाख टन पर पहुंच गया। दूसरी ओर ईरान में निर्यात 7.2 प्रतिशत गिरकर 4.08 लाख टन पर अटक गया।
जनवरी-जून 2024 के दौरान बासमती चावल के कुल वैश्विक निर्यात में भारत का योगदान 87.4 प्रतिशत रहा जबकि शेष हिस्सेदारी पाकिस्तान की रही। पाकिस्तान में बासमती चावल का निर्यात योग्य अधिशेष स्टॉक नगण्य रह गया है जबकि अगला ने अमाल नवम्बर में आएगा।
इस बीच भारत को अपने बासमती चावल का निर्यात बढ़ाने का शानदार अवसर मिल जाएगा। पहली छमाही के दौरान बासमती चावल के निर्यात से भारत को 3.42 अरब डॉलर की शानदार आमदनी प्राप्त हुई जो पिछले साल की आय 2.75 अरब डॉलर से करीब 20 प्रतिशत अधिक रही।