नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने तीन दिनों तक चली बैठक के बाद रेपो रेट को वर्तमान दर पर बरकरार रखने का फैसला किया है। दर निर्धारण समिति ने लगातार आठवीं बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया। इससे पहले केंद्रीय बैंक ने पिछली बार फरवरी 2023 में रेपो दर बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत की थी।
रेपो रेट से बैंकों की ईएमआई जुड़ी होती है। ऐसे में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं होने से यह तय हो गया है कि आपके बैंक लोन की ईएमआई में फिलहाल कोई बदलाव नहीं होने वाला है। ये फैसला 4-2 के बहुमत से लिया गया।
इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ब्याज दर निर्धारण समिति ने अगली मौद्रिक नीति तय करने के लिए बुधवार को तीन दिवसीय बैठक शुरू की। यह बैठक 5 जून से शुरू होकर 7 जून 2024 तक चली। एमपीसी की बैठक में छह सदस्यों में से चार ब्याज दरों को स्थिर रखने के पक्ष में रहे।
GDP का ग्रोथ रेट का अनुमान बढ़ाया
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में स्थिर खर्च के साथ निजी खपत में सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि निवेश गतिविधियों में तेजी जारी है। आरबीआई गवर्नर ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान 7 फीसदी से बढ़ाकर 7.2 फीसदी किया। उन्होंने कहा कि मार्च-अप्रैल में खुदरा महंगाई में कमी आई है लेकिन फूड इनफ्लेशन में अभी भी तेजी है। इसके अलावा, वित्त वर्ष 2025 की अप्रैल-जून तिमाही के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान 7.1 फीसदी से बढ़ाकर 7.3 फीसदी किया गया है। वहीं, जुलाई-सितंबर के लिए 7.2 प्रतिशत, अक्टूबर-दिसंबर के लिए 7.3 प्रतिशत और जनवरी-मार्च के लिए 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।