नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दलों के नेताओं की बैठक में बुधवार को कहा कि इस गठबंधन में उन सभी दलों का स्वागत है, जो संविधान की प्रस्तावना में अटूट आस्था रखते हैं और इसके आर्थिक, सामाजिक तथा राजनीतिक न्याय के उद्देश्यों को लेकर प्रतिबद्ध हैं। खरगे के इस बयान से प्रतीत होता है कि वे इंडिया गठबंधन में और दलों को जोड़ना चाहते हैं ताकि सरकार बनाने का दावा पेश किया जा सके।
उनका बयान ऐसे समय में आया है जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने बुधवार को सर्वसम्मति से नरेंद्र मोदी को अपना नेता चुन लिया। इसके साथ ही लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में देश की बागडोर संभालने की दिशा में मोदी ने एक और कदम आगे बढ़ा दिया है। हालांकि विपक्ष भी पूरी कोशिश में जुटा है।
बैठक से जारी बयान में खरगे ने कहा कि लोकसभा चुनाव का जनादेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ है, लेकिन वह इसे नकारने की हरसंभव कोशिश करेंगे। खरगे ने बैठक में अपने संबोधन में कहा, “मैं ‘इंडिया’ गठबंधन के सभी साथियों का स्वागत करता हूं।
हम एक साथ लड़े, तालमेल से लड़े और पूरी ताकत से लड़े। आप सबको बधाई।” उन्होंने कहा, “18वीं लोकसभा चुनाव का जनमत सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ख़िलाफ़ है। चुनाव उनके नाम और चेहरे पर लड़ा गया था और जनता ने भाजपा को बहुमत न देकर उनके नेतृत्व के प्रति साफ़ संदेश दिया है।”
कांग्रेस अध्यक्ष के मुताबिक, व्यक्तिगत रूप से नरेन्द्र मोदी के लिए यह ना सिर्फ़ राजनीतिक शिकस्त है, बल्कि नैतिक हार भी है। उन्होंने दावा किया, “परन्तु, हम सब उनकी आदतों से वाक़िफ़ हैं। वो इस जनमत को नकारने की हरसंभव कोशिश करेंगे।” खरगे ने कहा, “हम यहां से यह भी संदेश देते हैं कि ‘इंडिया’ गठबंधन उन सभी राजनीतिक दलों का स्वागत करता है, जो भारत के संविधान की प्रस्तावना में अटूट विश्वास रखते है और इसके आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक न्याय के उद्देश्यों को लेकर प्रतिबद्ध हैं।”
मीटिंग में सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी, NCP(SCP) के शरद पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले, शिवसेना (उद्धव गुट) के संजय राउत, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, TMC नेता अभिषेक बनर्जी, RJD के तेजस्वी यादव, DMK नेता एमके स्टालिन, झारखंड के सीएम चंपई सोरेन और हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना, AAP नेता राघव चड्ढा और CPI(M) के सीताराम येचुरी समेत कई नेता मौजूद हैं।
272 सांसदों का समर्थन चाहिए
दरअसल, नतीजों में गठबंधन को कुल 234 सीटें मिली हैं। सरकार बनाने के लिए गठबंधन को 272 सांसदों का समर्थन चाहिए। ऐसे में बहुमत के लिए उसे मौजूदा सीट शेयरिंग से बाहर भी पार्टनर खोजने होंगे।