आपूर्ति में सुधार एवं बिकवाली का दबाव बढ़ने से जीरा में नरमी के संकेत

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राजकोट। गुजरात की सबसे प्रमुख व्यावसायिक मंडी-ऊंझा में जीरा के दाम में हाल में आई अच्छी तेजी के कारण माल की आपूर्ति काफी बढ़ गई है जिसे देखते हुए अब इसका भाव कुछ नरम पड़ने की संभावना है।

पिछले कुछ दिनों के दौरान जीरा के मूल्य में 1000-1050 रुपए की तेजी दर्ज की गई। वर्तमान समय में वहां जीरा का भाव 30500-31500 रुपए प्रति क्विंटल के बीच बताया जा रहा है जबकि मंडी में इस महत्वपूर्ण मसाले की औसत दैनिक आवक भी बढ़कर 32-35 हजार बोरी पर पहुंच गई है।

ध्यान देने की बात है कि पहले जब भाव नरम चल रहा था तब जीरे की आवक भी कम हो रही थी और उत्पादक अपने माल को बेचने के बजाए उसका स्टॉक रोकने का प्रयास कर रहे थे लेकिन जब कीमतों में तेजी आ गई तब उत्पादकों ने बिक्री भी बढ़ा दी।

व्यापार विश्लेषकों के अनुसार ऊंझा मंडी में माल की बढ़ती आवक को देखते हुए खरीदारों की लिवाली धीमी पड़ सकती है। इस बार गुजरात में जीरा का शानदार उत्पादन हुआ है और फसल की कटाई-तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। राजस्थान में भी लगभग यही स्थिति है। आगामी समय में बिकवाली का दबाव बढ़ने से भाव टूट सकते हैं।

राष्ट्रीय राजधानी के थोक किराना बाजार में भी जीरा का भाव कुछ ऊंचा एवं तेज हुआ। जीरे में धीरे-धीरे निर्यात मांग बढ़ने लगी है क्योंकि चीन में बाढ़-वर्षा के प्रकोप से फसल को नुकसान होने की सूचना मिल रही है।

पिछले वित्त वर्ष के दौरान चीन के आयातकों ने पहले भारत से कुछ सस्ते दाम पर जीरा मंगाया था और बाद में ऊंचे मूल्य पर भारत को ही उसका पुनर्निर्यात कर दिया। इस तरह वहां जीरा का काफी कम स्टॉक बचा हुआ है और घरेलू फसल भी क्षतिग्रस्त हुई है। इसके फलस्वरूप जल्दी ही वहां भारत से अच्छी मात्रा में इसका आयात शुरू होने की संभावना है। समझा जाता है कि चीन के खरीदार भारतीय बाजार पर नजर रखे हुए हैं और तेजी-मंदी के अनुरूप लिवाली घटा बढ़ा रहे हैं।