Happy Married Life: सहनशीलता और सम्मान सुखमय वैवाहिक जीवन के आधार: सुप्रीम कोर्ट

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नई दिल्ली। Happy Married Life: सुप्रीम कोर्ट ने सुखमय वैवाहिक जीवन को लेकर काउंसलर की तरह कुछ टिप्स दिए हैं। कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि सहनशीलता और सम्मान एक सफल विवाह के आधार हैं। छोटी-मोटी बातों को तूल नहीं देना चाहिए।

सर्वोच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी एक महिला द्वारा अपने पति के विरुद्ध दायर दहेज उत्पीड़न के मामले को रद्द करते हुए की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, एक सफल विवाह की नींव सहनशीलता, समायोजन और एक-दूसरे का सम्मान करना है। प्रत्येक विवाह में एक-दूसरे की गलती के प्रति सहनशीलता एक सीमा तक होनी चाहिए। छोटे-मोटे झगड़े और मतभेद सांसारिक मामले हैं और कहा जाता है कि जो कुछ स्वर्ग में बनाया गया है, उसे नष्ट करने के लिए इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश नहीं किया जाना चाहिए।

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि कई बार ऐसा देखने को मिलता है कि एक विवाहित महिला के माता-पिता और करीबी रिश्तेदार स्थिति को संभालने और शादी को बचाने की जगह बात का बतंगड़ बना देते हैं। उनकी इन हरकतों से छोटी-छोटी बातों पर वैवाहिक बंधन तबाह हो जाता है।

क्या है पूरा मामला?
जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस मनोज मिस्त्रा की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। यह टिप्पणी एक फैसले में आई, जिसने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के उस निर्देश को रद्द कर दिया, जिसमें एक पति ने अपने विरुद्ध दर्ज आपराधिक मामले को रद्द करने की मांग की थी। पत्नी की ओर से दर्ज कराई गई प्राथमिकी के अनुसार, पति और उसके परिवार के सदस्यों ने कथित तौर पर दहेज की मांग की और उसे मानसिक और शारीरिक आघात पहुंचाया।