डिग्री के दास न बनें, अनुभव, समझ और ज्ञान से व्यक्तित्व बनाएं: आदित्य सागर महाराज

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कोटा। यदि आपको आसमान की ऊंचाई छूनी है तो आप डिग्री लें और यदि आपको आसमान बनाना है तो आप अनुभव प्राप्त करें। डिग्री प्राप्त व्यक्ति अपने व्यक्तित्व को संकुचित करता है। वह अन्य क्षेत्र में व्यक्तित्व विकास के लिए प्रयास बंद कर देता। आजकल के युवा डिग्री के दास होते जा रहे हैं।

यह बात आरकेपुरम जैन मंदिर में आयोजित विशुद्ध ज्ञान ग्रीष्मकालीन वाचन में आदित्य सागर महाराज ने कही। इस अवसर मुनि अप्रमित सागर का सानिध्य भी प्राप्त हुआ। मंदिर समिति के अध्यक्ष अंकित जैन ने बताया कि श्रुतसंवेगी आदित्य सागर महाराज ससंघ को सुनने बडी संख्या में जैन समाज के लोग उपस्थित रहे।

शुक्रवार को आदित्य सागर महाराज ने ग्रीष्मकालीन वाचना में डिग्री के दास न बनने की बात कही और कहा कि डिग्री वाले का दायरा सीमित होता है। बिना डिग्री वालों के पास विकल्प अधिक होते हैं। डिग्री वाले लिमिटेड होते हैं और बिना डिग्री वाले अनलिमिटेड होते हैं । उन्होंने सेठ हुकुम चंद इंदौर, धीरू भाई अम्बानी, सहित कई नाम बताए, जिन्होंने बिना डिग्री के अपनी सफलता की इबारत लिखी।