नई दिल्ली। Federation of Indian Export Organisations: लाल सागर संकट जैसी भू-राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद चालू वित्त वर्ष के अंत तक देश का वस्तुओं का निर्यात 450 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। निर्यातकों के शीर्ष संगठन फियो (FIEO) के निर्वाचित अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने मंगलवार को यह बात कही।
उन्होंने कहा कि लाल सागर संकट से पैदा हुई चुनौतियों का समाधान समुद्री बीमा और माल ढुलाई शुल्क में तर्कसंगत वृद्धि करके किया जा सकता है। कुमार ने कहा कि देश के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए निर्यात क्षेत्र को आसान और कम लागत वाले ऋण तथा विपणन समर्थन की जरूरत है। ब्रिटेन और ओमान के साथ मुक्त व्यापार समझौतों को जल्द अंतिम रूप देने से भी निर्यात को मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, ”मैं एमएसएमई के मुद्दों का समाधान करने पर ध्यान केंद्रित करूंगा, क्योंकि वे प्रमुख भूमिका निभाने जा रहे हैं। ये इकाइयां 2030 तक 1,000 अरब डॉलर के वस्तु निर्यात के लक्ष्य को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।” उन्होंने कहा कि छोटी और मझोली इकाइयां अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और उन्हें ऋण से संबंधित कुछ मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है।
कुमार ने कहा, ”मैं बैंकों से इन इकाइयों को समर्थन देने के लिए आगे आने का आग्रह करूंगा।” फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के अध्यक्ष ने कहा कि संगठन लैटिन अमेरिका और अफ्रीका जैसे क्षेत्रों में निर्यातकों के लिए अधिक अवसर तलाशने पर भी काम कर रहा है।
उन्होंने कहा, ”चुनौतियां हैं, लेकिन मुझे यकीन है कि हम चालू वित्त वर्ष में 450 अरब अमेरिकी डॉलर के निर्यात को हासिल कर लेंगे।” उन्होंने कहा कि समस्याओं के बावजूद फरवरी में निर्यात लगभग 12 प्रतिशत बढ़कर 41.40 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-फरवरी के दौरान वस्तुओं का निर्यात 395 अरब अमेरिकी डॉलर था।