नई दिल्ली। प्रमुख उत्पादक राज्यों में नए लालमिर्च की आवक सन्तोषजनक होने एवं हाजिर में मांग सीमित बनी रहने के कारण हाल-फिलहाल लालमिर्च की कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है।
चालू सीजन के दौरान देश में लालमिर्च का उत्पादन गत वर्ष की तुलना में अधिक होने के समाचार है। जिस कारण से कीमतों में गिरावट बनी हुई है। गुंटूर मंडी में शुक्रवार को लालमिर्च तेजा का भाव 208 रुपए प्रति किलो बोला गया है जबकि आवक 70 हजार बोरी की रही।
खम्मम मंडी में लालमिर्च की आवक 50/55 हजार बोरी की रही और भाव 3 रुपए मंदे के साथ 208 रुपए पर बोले गए है। बाजार सूत्रों का कहना है कि हालांकि इस वर्ष उत्पादन अधिक रहेगा लेकिन दिसम्बर माह में हुई बेमौसमी बारिश में क्वालिटी प्रभावित हुई है। जिस कारण से अच्छी क्वालिटी के मालो की कमी रहेगी और आवक घटने के पश्चात कीमतों में सुधार होगा।
जीरे की कीमतों में सुधार: चालू सीजन के दौरान देश में जीरा उत्पादन गत वर्ष की तुलना में अधिक होने के समाचार है। अधिक उत्पादन के कारण जीरा की कीमतों में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है।
मगर भाव काफी घट जाने के कारण उत्पादक केन्द्रों की मंडियों में नए जीरे की आवक आशानुरूप नहीं हो रही है क्योंकि किसानों ने नीचे भावों पर बिकवाली रोक दी है। जिस कारण से आवक कम रह गई है।
इसके अलावा वायदा बाजार में भी जीरे की कीमतें मजबूती के साथ बोली जा रही है। जिस कारण से आज भी ऊंझा मंडी में जीरे की कीमतें 200/300 रुपए प्रति क्विंटल तेजी के साथ बोली गई है।
एक अनुमान के अनुसार गत 3 दिनों के दौरान जीरे की हाजिर दामों में 800/1000 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई है। वायदा बाजार में भी आज मार्च माह का जीरा 640 रुपए एवं अप्रैल का 285 रुपए तेजी के साथ बंद हुआ है। अधिक पैदावार के कारण हाल-फिलहाल जीरा कीमतों में अधिक तेजी संभव नहीं है।