भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान कोटा के दीक्षांत समारोह में स्पीकर बिरला का संबोधन
नई दिल्ली। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कोटा में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT) के तीसरे दीक्षांत समारोह को संबोधित किया और इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि यह समारोह पहली बार कोटा परिसर में आयोजित किया जा रहा है, जो संस्थान की यात्रा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।
दीक्षांत कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री बिरला ने स्नातक की उपाधि प्राप्त कर रहे छात्रों को उनकी उपलब्धियों के लिए बधाई देते हुए उन्हें उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने आईआईआईटी, कोटा के छात्रों की औपचारिक शिक्षा के सफलतापूर्वक पूरा होने में इस संस्थान के प्रतिभाशाली, मेहनती और होनहार छात्रों के प्रयासों और उनके माता-पिता और शिक्षकों के अपार योगदान की सराहना की।
श्री बिरला ने प्राचीन भारत में गुरुकुलों और शिक्षा की समृद्ध संस्कृति का उल्लेख किया जिसमें विद्यार्थियों को न केवल शिक्षा बल्कि जीवन कौशल भी प्रदान किया जाता था, जिससे जीवन के सभी क्षेत्रों में उनका समग्र विकास होता था। उन्होंने कहा कि छात्रों में नई सोच को प्रोत्साहित और विकसित किया जाना चाहिए, जिसके परिणामस्वरूप वे नवाचार को अपनाएंगे, नया भविष्य गढ़ेंगे और समाज में सकारात्मक बदलाव का साधन बनेंगे।
श्री बिरला ने यह भी कहा कि तकनीकी आविष्कारों और नवाचार के वर्तमान काल में भारतीय युवा वैश्विक तकनीकी प्रगति में उल्लेखनीय और अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं । जापान, कनाडा और विभिन्न यूरोपीय देशों की यात्राओं के दौरान अपने अनुभवों के बारे में बताते हुए, उन्होंने उल्लेख किया कि भारतीय युवा पूरी दुनिया में प्रौद्योगिकी, नवाचार, आर्टिफिशल इन्टेलिजन्स और स्टार्टअप में क्रांति का नेतृत्व कर रहे हैं। इस वैश्विक नेतृत्व का श्रेय हमारे युवाओं के दृढ़ संकल्प और अद्वितीय उत्कृष्टता को देते हुए, श्री बिरला ने तकनीकी नवाचार में भारत को अग्रणी बनाने में आईआईआईटी-कोटा जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका का भी उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक संपन्न, विकसित और उन्नत राष्ट्र के सपने को साकार करने की छात्रों की क्षमता में विश्वास व्यक्त करते हुए, श्री बिरला ने कहा कि वे वैश्विक विकास में भारत को अग्रणी बनाने के लिए अपने तकनीकी कौशल का उपयोग करें । उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अमृत काल के वर्तमान युग में अपार अवसर उपलब्ध हैं और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिए भारत की ओर देख रहा है। युवाओं को भावी बाधाओं का सामना अटूट आस्था के साथ करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए श्री बिरला ने इस बात पर जोर दिया कि उनके दृढ़ प्रयासों से ही मजबूत और दृढ़ भारत की नींव रखी जाएगी ।
देश में हाल ही में हुई तकनीकी प्रगति की बात करते हुए, श्री बिरला ने यूपीआई प्लेटफॉर्म की उपलब्धि पर प्रकाश डाला, जिसे पूरी दुनिया में सराहना मिली है, और वहाँ के नेता अपने उन्नत देशों में इसे अपनाने के लिए उत्सुक हैं। श्री बिरला ने यह भी कहा कि इसकी तुलना में भारत में सड़क पर सामान बेचने वालों , सब्जी बेचने वालों और अनौपचारिक क्षेत्र के लोगों ने भी व्यापक रूप से यूपीआई को अपनाया है । उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उन्नत देशों में जिसकी अत्यधिक मांग है, वह देश के युवाओं की सक्रियता के फलस्वरूप भारत में रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल है।
श्री बिरला ने छात्रों से आग्रह किया कि वे अपने संस्थान के आस-पास के गांवों में सामाजिक क्षेत्र में अपनी भूमिका निभाएं और गांव के बच्चों और युवाओं को शिक्षित और प्रोत्साहित करके राष्ट्र निर्माण में योगदान दें, जिससे इन गांवों के साथ-साथ पूरे देश के सामाजिक और आर्थिक विकास में भी बहुत मदद मिलेगी ।
अंत में, श्री बिरला ने छात्रों को बधाई दी और इस बात पर जोर दिया कि दीक्षांत समारोह आत्मविश्लेषण , प्रेरणा और नई शुरुआत का अवसर है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह दिन उनके लिए यादगार रहेगा और उन्हें समाज और राष्ट्र की भलाई के लिए उत्साह और गौरव के साथ काम करना जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करता रहेगा ।