भारतीय बासमती चावल की विदेशों में मांग से 10.78 फीसदी निर्यात बढ़ा

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नई दिल्ली। Basmati Rice Export: विदेशों में भारतीय बासमती चावल की मांग बढ़ रही है। जिससे बासमती चावल के निर्यात में इजाफा हुआ है। भारतीय गैर बासमती चावल की भी विदेशों में मांग है। लेकिन घरेलू बाजार में चावल के दाम नियंत्रित करने केंद्र सरकार इसके निर्यात को हतोत्साहित करने के लिए कुछ गैर बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगाई है। जिससे चालू वित्त वर्ष में इसके निर्यात में बड़ी गिरावट देखी जा रही है।

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण(एपीडा) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2023-24 की अप्रैल-दिसंबर अवधि में 35.43 लाख टन बासमती चावल का निर्यात हुआ है, जो पिछली समान अवधि में निर्यात हुए 31.98 लाख टन बासमती चावल से 10.78 फीसदी अधिक है।

बीच में सरकार द्वारा इस चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP)बढ़ाने से इसके निर्यात में वृद्धि की दर धीमी पड़ी थी। लेकिन बाद में एमईपी घटाने के बाद निर्यात रफ्तार पकड़ने लगा है।

गैर बासमती चावल का निर्यात घटा: निर्यात पर अंकुश के कारण गैर बासमती चावल के निर्यात में गिरावट देखी जा रही है। वर्ष 2023-24 की अप्रैल-दिसंबर अवधि में 83.42 लाख टन गैर बासमती चावल का निर्यात हुआ, जबकि पिछली समान अवधि में यह आंकड़ा 131.75 लाख टन था। इस तरह चालू वित्त वर्ष के पहले 9 महीने में गैर बासमती चावल के निर्यात में 36.38 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है।

गैर बासमती चावल का निर्यात घटने की वजह सरकार द्वारा पिछले साल जुलाई महीने में गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाना है। इस चावल की कुल गैर बासमती चावल में 25 फीसदी हिस्सेदारी है। इस चावल के निर्यात पर प्रतिबंध के करीब सवा पांच महीने में कुल निर्यात 36 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है। इस वित्त वर्ष के बचे महीनों में भी निर्यात और घट सकता है।