नई दिल्ली । रिटायरमेंट फंड बॉडी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) चालू वित्त वर्ष (2017-18) के लिए भविष्य निधि जमाओं (पीएफ) पर ब्याज दर को घटा सकता है।
वित्त वर्ष 2016-17 के लिए पीएफ जमाओं पर 8.65 फीसद का ब्याज निर्धारित किया गया था, जिसका फायदा मौजूदा समय में 4.5 करोड़ सब्सक्राइबर्स को मिल रहा है। यह जानकारी श्रम मंत्रालय के एक अधिकारी ने दी है।
अधिकारी ने बताया कि बॉन्ड्स पर निम्न आय और ईटीएफ निवेश सीधे अंशधारकों के खातों में डालने की योजना के मद्देनजर ईपीएफओ 2017-18 के लिए भविष्य निधि जमाओं पर रिटर्न की दर में कटौती कर सकता है।
अधिकारी ने बताया कि हालांकि, ईपीएफओ की ओर से मौजूदा वित्त वर्ष के लिए आय अनुमानों को गणना करना अभी बाकी है। इसी के आधार पर मौजूदा वित्त वर्ष के लिए अंशधारकों के खाते में डाले जाने वाले ब्याज का फैसला होगा।
आपको बता दें कि इससे पहले गुरुवार को ईपीएफओ ने इक्विटी निवेश के मूल्यांकन और एकाउंटिंग के लिए एक एकाउंटिंग नीति को मंजूरी दी।
ETF यूनिट्स को PF खातों में डालने का प्रस्ताव मंजूर
रिटायरमेंट फंड बॉडी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) यूनिट्स को भविष्य निधि (पीएफ) खातों में डालने के प्रस्ताव की अनुमति दे दी है।
गौरतलब है कि मौजूदा समय में ईपीएफओ के सब्सक्राइबर्स की संख्या 4.5 करोड़ है। जानकारी के मुताबिक ईपीएफओ के सदस्य ईटीएफ यूनिट्स को अपने पीएफ खातों में अगले साल मार्च अंत तक देख पाएंगे।
ईपीएफओ की सर्वोच्च नीति निर्णायक इकाई सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (सीबीटी) ने इक्विटी निवेश के मूल्यांकन और लेखे के लिए लेखा नीति को मंजूरी दी है। इसके लिए भारतीय प्रबंधन संस्थान, बेंगलुरु (आईआईएम-बेंगलुरु) के साथ विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया था।
यह जानकारी केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने दी है। गंगवार जो खुद सीबीटी के प्रमुख हैं ने बताया कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के निष्कर्ष को भी लेखा नीति में शामिल किया गया है।