कलयुग केवल नाम अधारा, सुमिर-सुमिर नर उतरहीं पारा

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श्रीमद भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ का आरंभ

कोटा। श्रीमद भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ का आरंभ बुधवार से लक्ष्मीपद हनुमान मंदिर प्रांगण चेतक पार्क शॉपिंग सेंटर में किया गया। मन्दिर समिति के गोपाल शर्मा व राधेश्याम अग्रवाल ने बताया कि कलश यात्रा के उपरान्त कथा वाचक पं. प्रवीण कृष्ण शास्त्री ने भागवत कथा का रसपान श्रृद्धालुओं को करवाया।

प्रथम दिन भागवत ज्ञान सरिता में श्रृद्धालुओं को भागवत का महत्व बताते हुए पं. शास्त्री ने कहा कि कलियुग में केवल भगवान का संकीर्तन करने मात्र से ही सारी आसक्तियाँ छूट जाती है और परमात्मा की प्राप्ति हो जाती है।

सतयुग में भगवान का ध्यान करने से,और द्वापर में विधि पूर्वक उनकी पूजा-सेवा से जो फल मिलता है वह कलयुग में केवल भगवन्नाम का कीर्तन करने से ही प्राप्त हो जाता है। कलियुग के प्रभाव से बचने के लिए भगवान के नाम का संकीर्तन करना चाहिए, तभी हम कलियुग की कालिमा से बच पाएंगे।

इस अवसर पर कथावाचक ने शुकदेव जी महाराज तथा राजा परीक्षित की कथा का वर्णन किया। इस मौके पर उन्होंने बताया सात दिन बाद मौत को सुनकर राजा परीक्षित का मन व्याकुल हो गया। यह मानव शरीर आपको पुण्य कार्य करने के लिए मिला है। पुण्य ही एक रास्ता है, जिससे यह पुण्य कार्य आपको बैकुंठ पहुंचा सकते हैं। इस शरीर का सदुपयोग करें।

कलश यात्रा में भक्ति का ज्वार
सप्तदिवसीय भागवत कथा कार्यक्रम के तहत बधुवार को प्रात: 9 बजे “गोपेश्वर पार्क शोपिंग सेन्टर”से “कथा स्थल हनुमान मंदिर तक कलश यात्रा निकाली गई। बुधवार को शोपिंग सेंटर के विभिन्न मार्गों पर पूरे श्रद्धा भाव के साथ स्वागत किया गया। इस दौरान मंत्रोच्चारण, शंख ध्वनि व भजन लहरियों से माहौल पूरी तरह भक्तिमय हो गया। महिलाएं लाल वस्त्रों में और पुरुष सफेद रंग के परम्परागत वस्त्रों में कलश यात्रा से जुड़े। कलश यात्रा लक्ष्मीपद हनुमान मंदिर प्रांगण चेतक पार्क जाकर सम्पन्न हुई। यात्रा में गोपाल शर्मा, गीता देवी शर्मा, रमेश, कल्पना शर्मा, सुरेश-मोना शर्मा,रोशन-अम्बिका शर्मा आदि लोग नाचते व भगवान के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे।