नई दिल्ली। Jute Packaging Norms: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को जूट वर्ष 2023-24 के लिए अनिवार्य पैकेजिंग मानदंडों को मंजूरी दी। इसके तहत 100 प्रतिशत खाद्यान्न और 20 प्रतिशत चीनी की जूट की थैलियों में पैकिंग करना अनिवार्य होगा।
इस निर्णय से जूट मिलों और सहायक इकाइयों में काम करने वाले चार लाख श्रमिकों को राहत मिलने के साथ ही लगभग 40 लाख किसान परिवारों को समर्थन मिलेगा। जूट वर्ष एक जुलाई से 30 जून तक होता है।एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि इस प्रस्ताव से भारत में कच्चे जूट और जूट पैकेजिंग सामग्री के घरेलू उत्पादन क्षेत्र के हितों की रक्षा होगी।
मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में लिए गए निर्णय के बारे में जानकारी देते हुए विज्ञप्ति में कहा गया, ”जूट वर्ष 2023-24 के लिए अनुमोदित अनिवार्य पैकेजिंग मानदंडों के तहत 100 प्रतिशत खाद्यान्न और 20 प्रतिशत चीनी की जूट की थैलियों में पैकिंग करना होगा।”
जूट पैकेजिंग सामग्री के आरक्षण के तहत देश में उत्पादित कच्चे जूट का लगभग 65 प्रतिशत खपत होता है। विज्ञप्ति में कहा गया कि इस निर्णय से पर्यावरण की रक्षा में मदद मिलेगी। केंद्र सरकार खाद्यान्नों की पैकिंग के लिए हर साल लगभग 12,000 करोड़ रुपये के जूट बोरे खरीदती है।