नई दिल्ली । सरकार ने उपभोक्ता वस्तुओं से जुड़ी फर्मों से कहा है कि वो अपने मौजूदा स्टॉक्स में प्रिटेंड एमआरपी में यह स्पष्ट करें कि जीएसटी में हुई हालिया कटौती के बाद उसके मूल्य में कितना अंतर पड़ा है। गौरतलब है कि जीएसटी काउंसिल की पिछली बैठक में कई वस्तुओं पर टैक्स दर में संशोधन किया गया था।
उपभोक्ता मामलों के विभाग के तहत मैट्रोलॉजी डिवीजन, जो माप और लेबलिंग से संबंधित मामलों की देखरेख करता है ने कंपनियों को इस आशय से निर्देश दिया है।
विभाग की ओर से कहा गया, “मैट्रोलॉजी डिवीजन के कानूनी नियमों के संबंध में यह अनुमति दी गई है कि एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) में कितनी कटौती हुई है उसका उल्लेख करने के लिए एक अतिरिक्त स्टिकर चिपकाया जाए।”
आपको बता दें कि जीएसटी काउंसिल की 23वीं बैठक में 200 से अधिक वस्तुओं पर कर की दरों में संशोधन किया गया था। इसमें 178 से ज्यादा वस्तुओं पर जो की 28 फीसद के स्लैब में शामिल थीं उन पर कर की दर कम की गई थी।
उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने फर्मों से कहा है कि वो प्रीपैक्ड कमोडिटी की एमआरपी पर एक अतिरिक्त स्टीकर चिपकाकर जीएसटी कटौती का उल्लेख करें।
मैट्रोलॉजी विभाग ने कहा कि वस्तुओं पर दोनों कीमतों को लगाए जाने का आदेश 31 दिसंबर तक लागू रहेगा। जीएसटी में कटौती के बाद स्टिकर पर नए एमआरपी को मुद्रित करने की अनुमति दी गई है। ग्रांट थॉर्टन इंडिया के पार्टनर धनराज भगत ने बताया, “यह उपभोक्ताओं को सशक्त बनाएगा और उन्हें उन पर होने वाले लाभों की जानकारी देगा।”