राजस्थान में खिला कमल; कायम रहा रिवाज, भाजपा 115 सीटों के साथ बनाएगी सरकार

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जयपुर। Rajasthan Election Result: राजस्थान की जनता ने इस बार के विधानसभा चुनाव में हर पांच साल में सरकार बदलने के रिवाज को कायम रखते हुए ‘राज’ यानी सरकार को बदल दिया है। सूबे से कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार की विदायी हो गई है। राजस्थान की 200 सीटों वाली विधानसभा में भाजपा ने 115 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है।

कांग्रेस 69 सीटों पर सिमट गई है। सूबे में आठ निर्दलियों ने भी बाजी मारी है। इनमें अधिकांश बागी हैं। तीन सीटों पर भारत आदिवासी पार्टी के उम्मीदवार जीते हैं जबकि बसपा के खाते में दो सीटें गई हैं।

राजस्थान में दलवार स्थिति

दल का नामविजयीआगेकुल
भारतीय जनता पार्टी – बीजेपी1150115
इंडियन नेशनल काँग्रेस – आईएनसी69069
भारत आदिवासी पार्टी – भरताड़वसिप303
बहुजन समाज पार्टी – बीएसपी202
राष्ट्रीय लोक दल – आरएलडी101
राष्ट्रीय लोकतान्त्रिक पार्टी – रलटप101
निर्दलीय – आईएनडी808
कुल1990199

चुनावी विश्लेषकों की मानें तो गहलोत सरकार की कल्याणकारी योजनाएं प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई वाले भाजपा के आक्रामक अभियान के सामने विफल रहीं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि यह जीत प्रधानमंत्री मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह के कुशल मार्गदर्शन की जीत है।

गहलोत ने मानी हार
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जनादेश स्वीकार हुए इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है। गहलोत ने पूरे नतीजे आने से कुछ घंटे पहले ही हार स्वीकार कर ली और सोशल मीडिया पर लिखा- राजस्थान की जनता के जनादेश को हम विनम्रतापूर्वक स्वीकार करते हैं। यह सभी के लिए अप्रत्याशित नतीजे हैं। यह हार दिखाती है कि हम अपनी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने में कामयाब नहीं रहे हैं।

भाजपा के दिग्गज जीते
भाजपा के जीतने वाले प्रमुख नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (झालरापाटन), लोकसभा सदस्य राज्यवर्धन राठौड़ (झोटवाड़ा), बाबा बालक नाथ (तिजारा) व दीया कुमारी (विद्याधर नगर) शामिल हैं। भाजपा के हारने वाले प्रमुख नेताओं में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनियां शामिल हैं।

कांग्रेस के ये दिग्गज हारे, ये जीते
वहीं, कांग्रेस से मुख्यमंत्री गहलोत, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, शहरी विकास मंत्री शांति धारीवाल, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा जीत गए हैं। कांग्रेस के हारने वाले नेताओं की लंबी सूची में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी, मंत्री गोविंद मेघवाल, भंवर सिंह भाटी (कोलायत), विश्वेंद्र सिंह (डीग कुम्हेर), सालेह मोहम्मद (पोकरण), उदयलाल आंजना (निम्बाहेड़ा) एवं प्रताप सिंह खाचरियावास (सिविल लाइंस) का नाम शामिल है।

मत प्रतिशन में दो फीसदी का अंतर
मत प्रतिशत के मामले में भाजपा और कांग्रेस को मिले कुल मतों में लगभग दो प्रतिशत का अंतर रहा है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, भाजपा को 41.69 प्रतिशत जबकि कांग्रेस को 39.53 फीसदी वोट मिले। हालांकि गत विधानसभा चुनाव में यह अंतर एक फीसदी से भी कम का था।

वसुंधरा राजे दावेदारों में शुमार
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि भाजपा अगले मुख्यमंत्री के रूप में किसे चुनेगी। अभियान के दौरान, पीएम मोदी ने स्पष्ट कर दिया था कि पार्टी का चुनाव चिन्ह ‘कमल’ ही उसका चेहरा होगा। झालरापाटन विधानसभा सीट से जीतने वाली पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इस पद के प्रमुख दावेदारों में शुमार हैं।

बिरला भी सीएम पद की दौड़ में
मुख्यमंत्री पद की दौड़ में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के नाम भी शामिल हैं।