KDA protest: कोटा विकास प्राधिकरण के नाम पर गांवों के साथ षडयंत्र: किसान यूनियन

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कोटा। Farmer movement against KDA: किसान एवं पर्यावरण संगठनों ने कहा है कि कोटा विकास प्राधिकरण के नाम पर बूंदी एवं कोटा जिले के गांव के साथ षडयंत्र कर बिना पंचायत और ग्राम सभाओं की बिना सहमति के उन्हें केडीए में शामिल कर लिया गया। इन गांवों में खेती का विनाश तय है।

बूंदी जिले के 63 एवं कोटा को मिलाकर लगभग 300 गांव विकास प्राधिकरण की चपेट में आ जाएंगे। यहां पर सीमेंट कंक्रीट के भवन एवं अन्य अनावश्यक व्यावसायिक गतिविधियां पनप जाएगी, जिससे खेती और किसानों को जबरदस्त नुकसान झेलना पड़ेगा। अन्न उत्पादन बंद हो जाएगा एवं किसान लोग बेरोजगार होकर अन्य छोटे-मोटे धंधों में मजबूरीवश चले जाएंगे।

सभी राजनीतिक दलों जो किसान हितैषी होने का दावा करते हैं अपने घोषणा पत्र में इस बात को शामिल करें कि विकास प्राधिकरण के नाम पर किसान हितों को भेंट नहीं चढ़ने देंगे। हाडोती किसान यूनियन के महामंत्री दशरथ कुमार ने बूंदी जिले के अनेक गांवों का दौरा कर किसान प्रतिनिधियों से उनकी राय जानी।

इसी के साथ उन्होंने धान का उचित भाव नहीं मिलने पर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पड़ोसी राज्यों में धान की अच्छी कीमत मिल रही है। कोटा-बूंदी धान उत्पादक क्षेत्र के किसानों को 800 रुपये प्रति क्विंटल कम मिल रहा है।

किसान किसान नेता एवं गांधीवादी विचारक दशरथ कुमार , चम्बल संसद, केईएसएस के संयोजक बृजेश विजयवर्गीय, युवा किसान नेता गिरिराज गौतम, संतोष सिंह देवी शंकर नागर, मुरली मीणा आदि ने कहा कि किसानों को धान का उचित मूल्य नहीं मिला तो आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ेगी। किसान 4500 -4700 रु प्रति क्विंटल का भाव की तो उम्मीद रखते हैं। यदि 7 दिन में धान का उचित मूल्य निर्णय नहीं हुआ तो पंचायत समिति बूंदी, लाडपुरा, मंडाना के किसानों को आंदोलन करना पड़ेगा।

केशोरायपाटन के किसान नेता नवीन संगत ने भी बूंदी जिले के. पाटन आदि क्षेत्रों में दौरा कर किसानों को आने वाले संकट से अवगत कराया। हाडोती किसान यूनियन ने किसान हितेषी लोगों की एक समिति गठित की है।

कमेटी में युवा किसान नेता गिरिराज गौतम, वरिष्ठ किसान नेता दशरथ कुमार, पुष्प चंद गुर्जर, प्रधान शरणजीत सिंह, अजय चतुर्वेदी, शशि गौतम, बृजेश विजयवर्गीय, मुकेश सुमन, भवानी शंकर मीणा, यज्ञ दत्त हाडा, मनवीर सिंह, संतोख सिंह, मुरली मीणा, दुर्गा शंकर नागर, राम प्रसाद सुमन, भंवर लाल चौधरी, चौथमल नागर, राकेश शर्मा, बद्री लाल बैरागी, रामस्वरूप शर्मा, श्रवण कुमार सैनी, विनोद राजपुरोहित समेत 31 लोगों शामिल किया गया है।

दशरथ कुमार ने बताया कि तालेड़ा बर्धा, बावड़ी, अल्फा नगर, मंडाना आदि क्षेत्र के किसानों ने कोटा विकास प्राधिकरण को लेकर गहरा असंतोष व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद लगी आचार संहिता के कारण जन आंदोलन खड़ा करने पर प्रशासनिक पाबंदी है, लेकिन नैतिक पाबंदी नहीं है। किसान वर्ग इस समय खेतों में व्यस्त है, लेकिन अपने साथ हो रहे अन्याय की अनदेखी नहीं कर सकता। राज्यपाल को किसान हितों को लेकर संवेदनशीलता बरतनी होगी।