मंडियों में आवक बढ़ने से समर्थन मूल्य से नीचे आ गए सोयबीन के भाव

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नई दिल्ली। मंडियों में सोयाबीन की नई आवक शुरू हो चुकी है। मंडियों में पुरानी सोयाबीन भी खूब आ रही है। आवक के दबाव में सोयाबीन के भाव महीने भर से गिर रहे हैं। अब यह न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से नीचे बिक रहा है। आगे आवक और बढने की संभावना है। ऐसे में सोयाबीन की कीमतों में नरमी जारी रह सकती है।

मंडियों में इस महीने आवक में भारी इजाफा देखने को मिल रहा है। मंडियों में आवक व कीमतों के आंकड़े रखने वाली सरकारी एजेंसी एग्मार्कनेट के आंकड़ों के मुताबिक इस महीने अब तक मंडियों में 3.96 लाख टन सोयाबीन की आवक हो चुकी है, पिछली समान अवधि में यह आंकड़ा 2.38 लाख टन था। इस तरह इस महीने के 11 दिन में सोयाबीन की आवक में करीब 66 फीसदी इजाफा हुआ है।

प्रमुख उत्पादक राज्यों में मध्य प्रदेश में आवक 66 फीसदी बढ़कर 2.67 लाख टन, महाराष्ट्र में करीब 40 फीसदी बढ़कर करीब 40 हजार टन और राजस्थान में आवक दोगुनी बढकर करीब 70 हजार टन हो चुकी है।

कमोडिटी एक्सपर्ट इंद्रजीत पॉल ने बताया कि सोयाबीन की बेंचमार्क मंडी इंदौर में सोयाबीन का कल भाव 4,525 रुपये क्विंटल रहा। बीते दो सप्ताह के दौरान भाव 300 रुपये और महीने भर में भाव 500 रुपये क्विंटल गिर चुके हैं। महाराष्ट्र की लातूर मंडी में भाव 400 रुपये क्विंटल घट चुके हैं।

मध्य प्रदेश के हरदा जिले के किसान रोहित काशिव कहते हैं कि जिले की मंडियों में किसानों को सोयाबीन के भाव 3,800 से 4,200 रुपये क्विंटल मिल रहे हैं ,जो सोयाबीन के एमएसपी 4,600 रुपये क्विंटल से काफी कम हैं।

एचडीएफसी सिक्योरिटी में कमोडिटी व करेंसी प्रमुख अनुज गुप्ता कहते हैं कि आवक बढ़ने का सोयाबीन की कीमतों पर दबाव देखा जा रहा है। इसलिए बीते दिनों में सोयाबीन के भाव में गिरावट आई है। पॉल ने कहा कि आगे भी आवक का दबाव जारी रहेगा। ऐसे में कीमतों में 200 रुपये से अधिक गिरावट और आ सकती है। इसके बाद निचले भाव पर खरीद बढ़ने पर कीमतों में सुधार की भी उम्मीद है।