सकल दिगम्बर जैन समाज की सामूहिक क्षमावाणी एवं सम्मान समारोह
कोटा। जैन दर्शन के सिद्धांत केवल जैन धर्मावलम्बी के लिए ही उपयोगी नहीं, अपितु मानव मात्र के लिए लाभकारी एवं उपयोगी है। भगवान महावीर के सिद्धांत व उपदेश आज भी प्रासंगिक है। यह बात मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रविवार को जैन सकल समाज द्वारा आयोजित क्षमावाणी पर्व पर कही।
बिरला ने जैन समाज के नियमों व सिद्धांतों की चर्चा मंच से कर उनकी उपयोगिता को मानव मात्र के लिए गिनवाया। उन्होंने कहा कि वर्षों पहले जो संदेश भगवान महावीर ने मानव समाज को दिया वो आज भी प्रासंगिक है। विश्व के हर मंच पर होने वाली चर्चा और संवाद का मुख्य बिंदु शांति और अहिंसा है।
कार्यक्रम में स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल, खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के उपाध्यक्ष पंकज मेहता, राजमल पाटौदी, सकल दिगम्बर जैन समाज समिति के अध्यक्ष विमल चंद जैन नान्ता, कार्याध्यक्ष जेके जैन, उपाध्यक्ष महावीर मास्टर अजमेरा, एसके जैन, महामंत्री विनोद जैन टोरड़ी, महिला अध्यक्ष निशा जैन वैद, अशोक पाटनी, कपिल जैन, राकेश जैन मडिया, मनोज टोंग्या, विजय दुगेरिया, रितेश जैन सेठी, गुलाबचंद चूनेवाला आदि जैन समाज के प्रबुद्ध लोग जैन जनउपयोगी भवन में उपस्थित रहे।
श्वेताम्बर समाज के विभिन्न पदाधिकारी भी बडी संख्या में उपस्थित रहे। शिखर जैन पाटौदी ने अपने भजनों की सरिता भी बहाई। इससे पूर्व आर के पुरम मंदिर समिति द्वारा मंगलाचरण किया गया। सकल जैन समाज के पदाधिकारियों ने श्रीफल चढाया। अंत में इंद्र ने भगवान श्री जी की शांतिधारा व अभिषेक किया।
मांगी उत्तम क्षमा, किया पुरस्कृत
क्षमावाणी के पर्व पर सकल दिगम्बर जैन समाज द्वारा आयोजित सामूहिक क्षमावाणी पर्व पर लोगों ने करबद्ध होकर एक दूसरे के सम्मुख सिर झुकाकर उत्तम क्षमा मांगी। इस अवसर समाज की ओर से दशलक्षण धर्म पर्व में 10 दिनों तक उपवास करने वाले 27 पुरुष व महिलाओं को माला, शॉल व प्रशस्ति पत्र भेंट किया। इस मौके पर समाज की प्रतिभाओं को भी पुरस्कृत किया गया। इस वर्ष एमबीबीएस व सीए की डिग्री प्राप्त करने वाले, खेल की दुनिया में राष्ट्रीय, राज्य व जिला स्तर पर पदक प्राप्त करने वाले, शैक्षणिक प्रतिभाओं तथा विभिन्न मंदिर समितियों के पदाधिकारियों व कार्यक्रम सहयोगियों को मंच पर सम्मानित किया गया।
राष्ट्रीय पर्व बने क्षमावाणी
अध्यक्ष विमल जैन नांता ने इस मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से क्षमावाणी पूर्व को राष्ट्रीय क्षमावाणी दिवस घोषित करने की मांग की। पंकज मेहता ने अपने कहा कि क्षमा ऐसा भाव है जो सभी धर्मों को एक जगह खड़ा करता है। हर धर्म में क्षमा के महत्व को बताया गया है। क्षमा से क्षय का नाश होता है। उन्होंने कहा कि जीवन में क्षमा से स्वत: आधी परेशानियों समाप्त हो जाती है।
पालकी में निकले श्री जी
मुनिव्रत दिगम्बर जैन मंदिर त्रिकाल चौबीसी आर के पुरम से श्री जी को चांदी की पालकी में जैन जनउपयोगी भवन लाया गया। शोभाायात्रा में इंद्र व समाज बंधु सम्मिलित रहे। मंदिर समिति अध्यक्ष महावीर जैन, कार्याध्यक्ष अनुज गोधा, महामंत्री पवन पाटौदी व सकल दिगम्बर जैन समाज के पदाधिकारी व जैन समाज के लोग शोभायात्रा में श्री जी के जयकारे लगाते चल रहे थे। गाजे-बाजे के साथ श्री जो मंदिर से सभा स्थल पर लाया गया।