नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने आर्थिक कारणों से कोटा में नए ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के निर्माण अटकाने के लिए केंद्र सरकार की यह कहकर आलोचना की कि यदि इच्छा शक्ति हो तो 100-200 करोड़ की राशि मायने नहीं रखती। यह राज्य सरकार की इच्छाशक्ति ही थी कि कोटा में 14 सौ करोड़ रुपए से भी अधिक की लागत का विश्व स्तरीय चंबल रिवर फ्रंट का निर्माण का काम सफलतापूर्वक पूरा करवाया गया जो आने वाले समय में पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनने वाला है।
-कृष्ण बलदेव हाडा –
कोटा। New Airport Kota: राजस्थान के नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि यदि कोटा शहर में नया ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट स्थापित करने की मंशा-इच्छा शक्ति हो तो केंद्र सरकार के लिए 100-200 करोड़ रुपए की राशि कोई मायने नहीं रखती है।
कोटा नगर निगम (उत्तर) के नए प्रशासनिक भवन के शिलान्यास समारोह को गुरुवार को संबोधित करते हुए श्री धारीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार की इच्छाशक्ति के अभाव में ही कोटा में नए एयरपोर्ट के निर्माण का काम प्रशस्त नहीं हो पाया है, जबकि राज्य सरकार अपने हिस्से की लगभग सारी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर चुकी है।
राज्य सरकार की ओर से से कोटा नगर सुधार न्यास ने नागरिक उड्डयन विभाग को मुफ्त में जमीन उपलब्ध करवाने का पहले ही फैसला कर लिया है। अब यह केंद्र सरकार की इच्छाशक्ति पर निर्भर है कि वह कोटा में नया ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट स्थापित करने का काम कब शुरु करेगा?
श्री धारीवाल ने कहा कि जब बात कोटा में नया ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की स्थापना की हो तो केंद्र सरकार के लिए 100-200 करोड़ रुपए की राशि कोई मायने नहीं रखती है। क्योंकि यह बड़ा प्रोजेक्ट है और इसके पूरा होने से आने वाले समय में कोटा के लोगों को काफी लाभ भी मिलेगा। ऐसे में रुपए की खातिर राजस्थान के तीसरे सबसे बड़े शहर कोटा के लोगों को नए ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की सुविधा से वंचित नहीं करना चाहिए।
श्री धारीवाल ने कहा कि यह हमारी ही इच्छा शक्ति थी कि हमने कोटा में विश्वस्तरीय चंबल रिवर फ्रंट का काम न केवल शुरू करवाया, बल्कि उसे सफलतापूर्वक पूरा करके उसका लोकार्पण भी कर दिया है। श्री धारीवाल ने कहा कि जिस समय यह चंबल रिवर फ्रंट बनाया जाना प्रस्तावित किया गया था, तब यह माना जा रहा था कि इसके निर्माण में 500-600 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
लेकिन चंबल रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट की जरूरतों को देखते हुए उसकी लागत 1200 करोड़ रुपए से भी अधिक तक पहुंच गई तो भी राज्य सरकार पीछे नहीं हटी और यह राशि व्यय करके कोटा को विश्व स्तरीय चंबल रिवर फ्रंट की सौगात दी, जो आने वाले समय में देश-विदेश के पर्यटकों के लिए एक अहम मकाम साबित होने वाला है।
श्री धारीवाल ने कोटा में करवाए गए विकास कार्यों को लेकर उन पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की ओर से लगाए जा रहे आरोपों पर करारा जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश में पहले भी भारतीय जनता पार्टी की सरकारें आती रही है तो उसके नेता यह बताने की तकलीफ करें कि उनके शासनकाल के दौरान कोटा में कितने विकास कार्य करवाए गए हैं?
मौजूदा सरकार के कार्यकाल के दौरान अकेले कोटा शहर में 5900 करोड़ रुपए के विकास कार्य करवाए गए हैं, जो इसके पहले किसी भी सरकार के कार्यकाल में नहीं हुए। भारतीय जनता पार्टी के नेता तो इतने बड़े पैमाने पर पर विकास कार्य करवाए जाने की सोच भी नहीं सकते। यह उनकी सोच से भी ऊपर है। क्योंकि उनकी विकासोन्मुख सोच तो है ही नहीं।
श्री धारीवाल ने कहा कि उन पर आरोप लगाने वाले नेताओं से वे कानूनी तरीके से भी निपटेंगे। उन्हें उनके आरोपों का जवाब देने के लिए अदालतों में तलब किया जाएगा। श्री धारीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी तीखी आलोचना की और कहा कि वह अब कहते हैं कि उनकी बात गारंटी है, जबकि वे पहले राज्य सरकार की ओर से जनकल्याणकारी गारंटी योजनाओं की खिल्ली उड़ाते रहे हैं।
जाहिर है कि राज्य सरकार पूरी जिम्मेदारी के साथ गारंटी देते हुए अपनी योजनाओं को लागू कर रही है और अब केंद्र की मोदी सरकार भी उसी की तर्ज पर गारंटी देने की कोशिश कर रही है। यही नहीं देश के दूसरे राज्य राजस्थान सरकार की योजनाओं का अनुगमन कर रहे हैं।
50 करोड़ की लागत से बनेगा कोटा उत्तर नगर निगम का भवन
कोटा में सब्जी मंडी के पास न्यू क्लॉथ मार्केट और ज्वाला तोप के पास अतिक्रमण से मुक्त कराई 9 हज़ार वर्ग मीटर जमीन पर 50 करोड की लागत से प्रशासनिक भवन का निर्माण होगा। यह भवन तीन मंजिला होगा। भूतल से ही भवन का निर्माण कार्य किया जाएगा। भवन में सभा कक्ष, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के लिए कक्ष ,मीटिंग हाल,पार्किंग,गार्डन स्टोर, रिकॉर्ड रूम वेटिंग एरिया के साथ आवश्यक निर्माण कराया जाएगा। हेरिटेज स्वरूप वाले भवन का मुख्य द्वार ज्वाला तोप के पास सरोवर की तरफ रहेगा जो सौंदर्यीकरण की दृष्टि से खूबसूरत बनाया जाएगा।
इस अवसर पर श्री धारीवाल ने कहा कि जनता की सुविधा के दृष्टिगत यह बेशकीमती जमीन निगम को कोटा नगर सुधार न्यास (यूआईटी) से दिलवाई गई है, जिसकी कीमत तकरीबन 129 करोड़ है। साथ ही भवन निर्माण के लिए प्रारम्भिक तौर पर 15 करोड़ रुपये भी न्यास से निगम को दिलवाए गए है। स्वायत्त शासन मंत्री ने निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे भवन निर्माण निर्धारित समयावधि में पूरा कर लें। सम्पूर्ण निर्माण राशि 50 करोड़ रुपए नगर सुधार न्यास देगा।