जयपुर। Maharani Diya Kumari :राजस्थान के सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा चलने लगी कि राजसमंद की महिला सांसद दीया कुमारी को वसुंधरा राजे का विकल्प माना जा रहा है। क्या भारतीय जनता पार्टी पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को साइडलाइन कर महारानी दीया कुमारी के रूप में उनका विकल्प तैयार कर रही है?
महारानी दीया कुमारी राजस्थान की राजसमंद लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की सांसद हैं। उनका जन्म 30 जनवरी, 1971 को जयपुर के पूर्व महाराजा और होटल कारोबारी भवानी सिंह और पद्मिनी देवी के घर में हुआ था। देश के नामी स्कूलों और कॉलेज से पढ़ने के बाद दीया कुमारी लंदन चली गईं और वहां से डेकोरेटिव आर्ट्स का कोर्स भी कंप्लीट किया है।
वर्तमान में बीजेपी महिला महिला मोर्चा की प्रदेश प्रभारी की कमान भी संभाल रही हैं। साल 2013 में राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाली दीया कुमारी ने भाजपा ज्वाइन करने के बाद सवाई माधोपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और विधायक बनीं। साल 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने राजसमंद से टिकट दिया और दीया कुमारी ने यहां भी जीत दर्ज की और देश की सबसे बड़ी पंचायत में जा पहुंचीं। राज्य की राजनीति में काफी सक्रिय रहने वाली भाजपा सांसद दीया कुमारी को अब वसुंधरा राजे के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है।
पीएम मोदी की मौजूदगी में 25 सितंबर 2023 को दीया कुमारी को मंच से संबोधित करने का अवसर मिला, जबकि राज्य की पूर्व सीएम और वरिष्ठ नेता होने के बावजूद वसुंधरा को मंच से बोलने का अवसर नहीं दिया गया। इसके बाद से यह चर्चा शुरू हो गई कि भाजपा, सांसद दीया कुमारी को वसुंधरा राजे के विकल्प के तौर पर राज्य की राजनीति में आगे कर सकती है। इसके अलावा भी कई कारण हैं, जिसकी वजह से दीया कुमारी को वसुंधरा राजे के विकल्प के तौर देखा जा रहा है।
राजस्थान की राजनीति में राजपूत वोटरों का बड़ा महत्व है। राज्य में लगभग 14 फीसदी राजपूत वोटर हैं और 60 सीटों पर राजपूत वोटरों का दबदबा है। ऐसे में अब उनके नेताओं को आगे लाकर राजपूत वोटरों को साधने की एक कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, वसुंधरा राजे भी राजपूत ही हैं। राजसमंद की सांसद दीया कुमारी भी राजपूत हैं इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि वसुंधरा राजे की जगह भाजपा अब उन्हें आगे कर सकती है।
राजस्थान के सियासी गलियारों में चल रही इस चर्चा का दूसरा कारण यह भी है कि वसुंधरा राजे को लोग महारानी के तौर पर देखते हैं और दीया कुमारी भी महारानी के तौर पर देखी जाती हैं। ऐसे में एक महारानी के विकल्प के तौर पर भाजपा दूसरी महारानी को आगे कर सकती है। ताकि वसुंधरा राजे की नाराज हो जाने की स्थिति में पार्टी को ज्यादा नुकसान ना उठाना पड़े। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय जनता पार्टी राजस्थान में अपना सीएम कैंडिडेट किसे बनाती है।