प्रशासन पुरा महत्व के चंद्रेसल का जीर्णोद्धार अधूरा न छोड़े : इंटेक

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कोटा। भारतीय राष्ट्रीय कला एवं सांस्कृतिक निधि-इंटेक (Indian National Art and Cultural Fund) ने जिला प्रशासन एवं पुरातत्व विभाग से कहा है कि ऐतिहासिक एवं पुरा महत्व के चंद्रेसल मठ के जीवन आधार का कार्य अधूरा न छोड़ा जाए। अभी भी वहां पर काफी कार्य बकाया है।

गत दिवस इंटेक की टीम में कन्वीनर निखिलेश सेठी को-कन्वीनर बहादुर सिंह हाडा एवं प्राकृतिक विरासत प्रकोष्ठ के संयोजक बृजेश विजयवर्गीय, युवा आर्किटेक्ट गौरव चौरसिया ने मठ का दौरा कर मंदिर में चल रहे काम का अवलोकन किया। इंटेक की टीम ने बताया कि 2018 में इंटेक के प्रस्ताव पर पुरातत्व विभाग ने जिला कलेक्टर के मार्गदर्शन में जीवन आधार का काम शुरू किया था काम संतोषजनक है।

लेकिन, अभी काफी अधूरा है। मुख्य मंदिर प्रकाश शिखर गिरने की स्थिति में बना हुआ है, उस पर प्राथमिकता से काम होना चाहिए था। शिखर कभी भी गिर सकता है। मठ के अंदर का फर्श एवं दीवारों की मरम्मत हो चुकी है। कलात्मक मूर्तियां का संरक्षण भी होना चाहिए। इसी के साथ सुरक्षा व्यवस्था भी आवश्यक है।

कुछ श्रद्धालुओं ने वहां पर पर्यावरण की दृष्टि से पौधा रोपण किया है। इससे भी मंदिर के सौंदर्य में निखार आएगा। सेठी एवं विजयवर्गीय ने कहा कि मंदिर के पास में बहने वाली चंद्रलोही नदी को यदि प्रदूषण मुक्त कर दिया जाए एवं क्रोकोडाइल पार्क बना दिया जाए तो शहर के निकट आध्यात्मिक पर्यटन का यह मठ महत्वपूर्ण स्थान बन सकता है। इंटेक्स के पदाधिकारी ने कहा कि मठ के जीर्णोद्धार एवं प्राकृतिक सौंदर्य को लेकर शीघ्र ही जिला कलेक्टर को रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।