-कृष्ण बलदेव हाडा –
कोटा। Coaching Girl Student Suicide: राजस्थान की कोचिंग सिटी कहे जाने वाले कोटा में सोमवार को एक ओर कोचिंग छात्रा ने सेल्फ़ास खाकर आत्महत्या कर ली। कोटा में अभ्यर्थियों के आत्महत्या का इस साल का यह 24वां और इस महीने का दूसरा मामला है। अगस्त में छह छात्रों ने आत्महत्या की थी।
मिली जानकारी के अनुसार कोटा में पिछले डेढ़ साल से रहकर नीट की तैयारी कर रही उत्तर प्रदेश के मऊ निवासी एक कोचिंग छात्रा प्रियम सिंह (17) कोटा में विज्ञान नगर थाना क्षेत्र में स्थित एक कोचिंग संस्थान में शनिवार सुबह कोचिंग के लिए गई थी। वहीं उसने जहरीले पदार्थ सेल्फ़ास का सेवन कर लिया, जिससे उसे दोपहर में उल्टियां होने लगी तो अन्य कोचिंग छात्रों के सूचना देने पर कोचिंग संस्थान के स्टाफ़ ने छात्रा को तलवंडी के एक निजी चिकित्सालय में ले जाकर भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान सोमवार शाम करीब पौने सात बजे छात्रा की मौत हो गई।
छात्रा के शव को अस्पताल की मोर्चरी में सुरक्षित रखवाया गया है। छात्रा के परिवार जनों को घटना के बारे में सूचना दे दी गई है। उनके कोटा आने के बाद ही छात्रा के शव का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा और छात्रा के हॉस्टल के उस कमरे की जांच-पड़ताल की जायेगी जिनमें वह रहती थी। अभी छात्रा के आत्महत्या करने के कारणों का खुलासा नहीं हुआ है।
इसके पहले कोटा में इसी महीने बीते सप्ताह एक और नीट की कोचिंग छात्रा झारखंड़ रांची निवासी 16 वर्षीय रिचा सिन्हा ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इस घटना के बाद कोटा के हॉस्टल संचालकों की लापरवाही भी सामने आई थी, क्योंकि जिस हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर कोचिंग छात्र ने आत्महत्या की थी, उसके कमरों में एंटी हैगिंग डिवाइस नहीं लगाया हुआ था।
जबकि पिछले दिनों ही कोटा में कोचिंग छात्रों के फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या करने की बढ़ती घटनाओं के बाद राज्य एवं जिला प्रशासन ने हॉस्टल संचालकों को हॉस्टल के प्रत्येक कमरे में एंटी हैगिंग डिवाइस लगाने के निर्देश दिए थे। लेकिन हॉस्टल संचालकों ने इस गाइड लाइन की पालना की जरुरत ही नहीं समझी।
क्योंकि जिस हॉस्टल में पिछले सप्ताह मंगलवार की रात को कोचिंग छात्रा ने छत पर लगे पंखे से फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या की थी, वहां ऎसा कोई डिवाइस नहीं लगा हुआ था। अगर यह एंटी हैगिंग डिवाइस लगा होता तो तो संभवत उस कोचिंग छात्रा की जान को बचाया जा सकता था या ऎसी उम्मीद की जा सकती थी।
इस घटना के बाद कोटा में ऑक्सीजोन सिटी पार्क का लोकार्पण करने आए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कोटा में कोचिंग छात्रों की बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए एक बार फिर से इन घटनाओं को रोकने के उपाय करने के निर्देश दिए थे।