सात उपग्रहों को लेकर रवाना हुआ इसरो का PSLV-C56 रॉकेट

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श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से सफल लॉन्चिंग

नई दिल्ली। भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो ने आज 7 सैटेलाइट ले जाने वाला PSLV-C56 रॉकेट को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) से लॉन्च किया। इस मिशन में रॉकेट की मदद से सिंगापुर के डीएस-एसआरए सैटेलाइट और अन्य छह सैटेलाइट को लॉन्च किया गया है। इसरो का रॉकेट पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-पीएसएलवी सी56 इन उपग्रहों को लेकर अंतरिक्ष की ओर रवाना हुआ।

इसरो ने बताया कि पीएसएलवी-सी55/टीलियोस-2 के अप्रैल में हुए सफल लॉन्चिंग के बाद इस मिशन को अंजाम दिया गया। इस मिशन से सिंगापुर के लोगों की जरूरतें पूरी होंगी।इसरो का यह पूरी तरह व्यावसायिक मिशन है, जिसे न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड संचालित कर रहा है। इसके लिए शनिवार को उलटी गिनती शुरू हुई थी। इसरो ने बताया कि 360 किलो वजनी डीएस-सार उपग्रह सिंगापुर सरकार की प्रतिनिधि एजेंसी डीएसटीए और सिंगापुर की कंपनी एसटी इंजीनियरिंग के साथ विकसित किया गया है।

पीएसएलवी की होगी 58वीं उड़ान
अप्रैल में भी सिंगापुर के लिए पीएसएलवी-सी55/टेलियोज-2 मिशन भेजा गया था। इसरो ने बताया कि पीएसएलवी की यह 58वीं उड़ान होगी।

सातों उपग्रहों के बारे में जानकारी
डीएस-सार: सिंगापुर का यह उपग्रह सिंथेटिक अपर्चर रडार (सार) उपकरण से युक्त है जिसे इस्राइल की अंतरिक्ष तकनीक क्षेत्र की कंपनियों ने बनाया है। यह उपग्रह हर मौसम व रात में भी काम करते हुए धरती की 1 मीटर सतह तक का डाटा उपलब्ध करवाएगा।
वेलॉक्स-एएम: 23 किलो का यह माइक्रो उपग्रह तकनीक प्रदर्शन के लिए भेजा रहा है। आर्केड एटमॉस्फियर कपलिंग व डायनेमिक एक्सप्लोरर : यह एक प्रायोगिक उपग्रह है।
स्कूब-2: यह 3यू नैनो सैटेलाइट एक तकनीक प्रदर्शक उपकरण से युक्त है।
ग्लासिया-2: यह भी 3यू नैनो सैटेलाइट है, जो पृथ्वी की निचली कक्षा में परिक्रमा करेगा।
ओआरबी-12 स्ट्राइडर: यह उपग्रह अंतरराष्ट्रीय सहयोग से बना है।