फसल खराबे का मुआवजा देने और दाईं मुख्य नहर में पानी छोडने की मांग

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भारतीय किसान संघ ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा

कोटा। भारतीय किसान संघ (Bhartiya Kisan Sangh) की ओर से फसल खराबे के मुआवजे (crop damage compensation) की मांग को लेकर शुक्रवार को जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। जिलाध्यक्ष गिरीराज चौधरी के नेतृत्व मैं प्रदेश मंत्री जगदीश कलमंडा प्रांत प्रचार प्रमुख आशीष मेहता, जिला कोषाध्यक्ष रूपनारायण यादव, संगठन मंत्री नीरज कुमार, शिशुपाल मेहता के साथ किसानों का प्रतिनिधिमंडल जिला कलेक्टर से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने फसल खराबे का मुआवजा देने तथा धान की फसल (Paddy Crop) के लिए दाईं मुख्य नहर (Right Main Canal) में छोडने की मांग की।

उन्होंने कहा कि खरीफ 2022 में सम्पूर्ण कोटा जिले में अतिवृष्टि के कारण फसल नष्ट हो चुकी थी। जिसका प्रशासन द्वारा सर्वे में भी खराबा दर्शाया गया था। साथ ही, रबी 2023 में भी अतिवृष्टि, ओलावृष्टि से फसलें नष्ट हुई थी।प्रशासन की सर्वे रिपोर्ट में दर्शाने के बावजूद अभी तक किसानों को खराबे की अनुदान राशि व प्रधानमन्त्री फसल बीमा राशि का भुगतान नहीं हो पाया है।

सरकार ने भी विधानसभा में यह स्वीकार किया है कि केवल कागजों की कमी बताकर 91 हजार किसानों को मुआवजे से वंचित कर दिया गया है। जो न्याय संगत नहीं है। भारतीय किसान संघ ने कहा कि मुआवजे से वंचित रहे 91 हजार किसानों के कागजों की पूर्ति कराकर शीघ्रातिशीघ्र मुआवजा राशि जारी कराई जाए।

प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि बारिश का पानी डेम के गेट खोल कर नदी में बहाया जा रहा है। जबकि इस पानी का उपयोग धान की फसल के लिए किया जा सकता है। प्रशासन ने बाईं मुख्य नहर में पानी दे दिया है। जबकि दाईं मुख्य नहर के किसान अभी भी पानी से वंचित हैं। उन्होंने कहा कि दाईं मुख्य नहर में जल्दी पानी छोड़ा जाए। जिससे किसानों की धान का रकबा बच सके। भारतीय किसान संघ ने कहा कि यदि दोनों मांगों पर जल्दी कार्यवाही नहीं होती है तो मजबूरन आंदोलन करना पड़ेगा।