जम्मू। सेब (Apple production) की पैदावार घट इस साल सकती है। इसकी वजह सेब की फसल पर प्रतिकूल मौसम की मार पडना है। अगले 10 से 15 दिनों में हिमाचल प्रदेश सेब बाजार में आने लगेगा। सितंबर महीने जम्मू-कश्मीर से नये सेब की आवक शुरू होगी।
भारतीय सेब उत्पादक संघ के अध्यक्ष रविंद्र चौहान कहते हैं कि इस सीजन में दिसंबर-जनवरी के समय जब बर्फ की जरूरत थी, तब कम बर्फ पड़ी। सेब की फसल के लिए समय पर बर्फ पडना बहुत जरूरी होता है। लिहाजा ऐसा न होने से इस साल सेब का उत्पादन पिछले साल की तुलना में घटकर आधा रह सकता है। इस साल बीते 5 से 6 साल में सबसे कम सेब पैदा होने का अनुमान है।
हिमाचल के सेब किसान व प्रोग्रेसिव ग्रोवर्स एसोसिएशन के महासचिव कुनाल चौहान ने कहा कि अप्रैल में असमय बारिश और ओले से फूल गिरने से सेब की फसल को नुकसान पहुंचा है। इस साल प्रतिकूल मौसम से सेब का उत्पादन घटकर 1.5 से 2 करोड़ पेटी रह सकता है। पिछले साल से 3.5 से 4 करोड़ पेटी (22-24 किलो) सेब पैदा हुआ था।
संघ के महासचिव व कश्मीर के सेब किसान अब्दुल अहद रथर ने बताया कि कश्मीर में भी इस साल मौसम सेब की फसल के अनुरूप नहीं रहा है। जिससे कश्मीर में भी सेब की पैदावार घट सकती है। कश्मीर में सितंबर महीने से नये सेब की आवक शुरू होगी।
रविंद्र चौहान कहते हैं कि सेब का उत्पादन घटने से इस साल इसकी किसानों को कीमत ज्यादा मिल सकती है। इस साल किसानों को 2,000 से 2,200 रुपये पेटी सेब के औसत भाव मिल सकते हैं। पिछले साल औसतन 1,200 से 1,600 रुपये पेटी भाव मिले थे।
कुनाल चौहान ने भी कहा कि इस साल किसानों को सेब की ज्यादा कीमत मिलने वाली है। लेकिन फसल कम होने से कुल कमाई पिछले साल से कम रह सकती है। रविंद्र ने कहा कि अगले कुछ दिनों में अगेती किस्म के सेब की आवक होने लगेगी और अगले महीने सेब की आवक जोर पकड़ने लगेगी।