नई दिल्ली। मासिक डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान के बीच छुट्टियों वाले इस सप्ताह में शेयर बाजारों की दिशा काफी हद तक वैश्विक शेयर बाजारों के रुख, विदेशी कोषों की कारोबारी गतिविधियों और मानसून की प्रगति पर निर्भर करेगी। शेयर बाजार बुधवार को बकरीद के अवसर पर बंद रहेंगे।
स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, “बाजार में स्पष्ट संकेतों की कमी रहने की उम्मीद है, लेकिन जून के मासिक डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान से कुछ अस्थिरता आ सकती है।” मीणा ने कहा कि घरेलू मोर्चे पर मानसून की चाल महत्वपूर्ण होगी और अच्छी बात है कि ये रफ्तार पकड़ रही है।उन्होंने आगे कहा कि वैश्विक बाजारों में निवेशक कच्चे तेल की कीमतों, डॉलर सूचकांक और अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल पर बारीकी से नजर रखेंगे।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अजीत मिश्रा ने कहा, “हमें उम्मीद है कि इस सप्ताह जून महीने के मासिक डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान के कारण अस्थिरता अधिक रहेगी। अ
मेरिकी बाजारों में हालिया गिरावट ने निश्चित रूप से बाजार को सतर्क कर दिया है, लेकिन डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में 33,500 से ऊपर स्थिरता बनी हुई है। इससे सुधार की उम्मीद बनी हुई है।” उन्होंने कहा कि इसके अलावा मुनाफावसूली के बाद व्यापक सूचकांकों के प्रदर्शन पर सबकी नजर रहेगी।
वैश्विक शेयर बाजारों में मंदी के रुख और केंद्रीय बैंकों द्वारा दरों में बढ़ोतरी की चिंताओं ने पिछले सप्ताह निवेशकों को हतोत्साहित कर दिया। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के अनुसंधान प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “वैश्विक संदर्भ में, दुनिया भर के केंद्रीय बैंक इस समय मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने तय लक्ष्य को हासिल करने की प्रतिबद्धता दोहराई है।”
उन्होंने कहा कि वैश्विक चिंताओं के बावजूद अनुकूल घरेलू आर्थिक संकेतकों और अंतरराष्ट्रीय जिंस कीमतों में सुधार के कारण घरेलू बाजार में कोई बड़ी गिरावट की आशंका नहीं है। पिछले हफ्ते बीएसई सेंसेक्स 405.21 अंक या 0.63 फीसदी गिर गया था।