बयाना स्टेशन पर ओडिशा जैसी दुर्घटना टली, चालक ने इमरजेंसी ब्रेक से रोकी ट्रेन

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आगरा की जगह भरतपुर जाने का दिया सिग्नल, मामला दबाने की कोशिश

कोटा। Bandra-Gorakhpur Holiday Special Train: बयाना स्टेशन पर रविवार को एक ट्रेन को आगरा की जगह भरतपुर जाने के सिग्नल दे दिए। घटना का पता चलते ही चालक ने आपातकालीन ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोका। इसके बाद सही सिग्नल देकर ट्रेन को आगे रवाना किया गया।

सूत्रों ने बताया कि बांद्रा-गोरखपुर होलीडे स्पेशल ट्रेन (05054) को बयाना से घूम कर आगरा रेलखंड पर जाना था। लेकिन ट्रेन को आगरा की जगह भरतपुर जाने के सिग्नल दे रखे थे। बयाना में इस ट्रेन का ठहराव नहीं है। इसके चलते चालक अपनी निर्धारित रफ्तार से ट्रेन को दौड़ा रहे थे। लेकिन बयाना पहुंचते ही चालकों ने देखा कि ट्रेन को आगरा की जगह भरतपुर जाने के सिग्नल दे रखे हैं।

इस गलती का पता चलते ही चालकों ने आपातकालीन ब्रेक लगाकर ट्रेन को सिग्नल से पहले रोक लिया। इसके बाद चालकों ने बयाना स्टेशन मास्टर को मामले की जानकारी दी। सूचना मिलते ही स्टेशन स्टाफ में हड़कंप मच गया। अपनी गलती का एहसास होते ही स्टेशन मास्टर ने आनन-फानन में भरतपुर जाने वाले सिग्नल को लाल किया।

आधा घंटा खड़ी रही
बाद में प्लेटफार्म नंबर 3 पर खड़ी बांद्रा-गोरखपुर अवध एक्सप्रेस को आगरा के लिए रवाना किया गया। इसके बाद इस हॉलीडे ट्रेन को आगरा जाने के सिग्नल दिए। इस घटना के चलते होलीडे ट्रेन मौके पर करीब आधा घंटा खड़ी रही। साथ ही प्लेटफार्म नंबर एक पर कोटा-आगरा फोर्ट पैसेंजर ट्रेन करीब 2 घंटे तक खड़ी रही। हॉलीडे के बाद आगरा फोर्ट ट्रेन को भी रवाना किया गया।

मामला दबाने की कोशिश
घटना की जानकारी के लिए वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रोहित मालवीय को फोन किया था, लेकिन मालवीय ने हमेशा की तरह फोन तक उठाना जरूरी नहीं समझा। अधिकारियों द्वारा इसे स॔रक्षा में चूक का बड़ा मामला बताया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि ओडिशा की घटना के बाद इन दिनों वैसे ही विशेष संरक्षा अभियान चलाए जा रहा है।कर्मचारियों खासकर स्टेशन मास्टरों, ट्रेन चालकों, सिग्नल और पॉइंट्समैनों को लगातार दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं। डीआरएम तक खुद स्टेशन पहुंचकर संरक्षा मामलों की जांच कर रहे हैं। रेलवे बोर्ड अध्यक्ष द्वारा लगातार बैठकें ली जा रही है। इसके बावजूद भी ऐसी घटनाएं सामने आना गंभीर खामी की ओर इशारा करने के लिए काफी हैं।

दो दिन में दूसरी घटना
उल्लेखनीय है कि इससे एक दिन पहले शनिवार को भी रामगंजमंडी- झालावाड रोड स्टेशन के बीच एक साथ बिजली के तार और जयपुर-पुणे ट्रेन के पैंटोग्राफ टूटने का मामला सामने आया था। इसके चलते मौके पर ट्रेन करीब 3 घंटे खड़ी रही थी। मामले में खास बात यह है कि इस घटना से एक दिन पहले ही डीआरएम मनीष तिवारी ने कोटा से भवानीमंडी तक खिड़की से निरीक्षण किया था। साथ ही झालावाड रोड स्टेशन पर संरक्षा व्यवस्थाओं की जांच की थी। इसके अलावा एक दिन पहले ही इस रेलखंड पर टावर वैगन द्वारा भी तारों का रखरखाव किया गया था। साथ ही टीआरडी विभाग के कर्मचारियों ने तारों की गश्त भी की थी। इसके बावजूद भी बार-बार घटनाएं सामने आने पर संरक्षा अभियान को मात्र एक औपचारिकता माना जा रहा है।