मोदी ने ‘मन की बात’ में स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर का स्मरण किया

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर को उनकी 140वीं जयंती पर याद करते हुए उनकी तारीफ की है और कहा है कि उनका बलिदान, साहस, संकल्प हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सावरकर का व्यक्तित्व शक्ति तथा उदारता का स्वरूप था, उनकी निडर और स्वाभिमानी प्रकृति ने गुलामी बर्दाशत नहीं की। पीएम मोदी ने अपने अंडमान निकोबार दौरे को याद करते हुए कहा कि मैं वो दिन नहीं भूल सकता, जब उस कोठरी में गया था, जहां वीर सावरकर ने कालापानी की सजा काटी थी।

एनटी रामाराव का जिक: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मन की बात’ में आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एनटी रामाराव का भी जिक्र किया। आज उनकी 100वीं जयंती है। पीएम मोदी ने कहा कि एनटी रामाराव ने अपनी प्रतिभा के दम पर भारतीय राजनीति और भारतीय सिनेमा में अमिट छाप छोड़ी है।

पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने तेलुगु सिनेमा का ही नहीं, देश को करोड़ो लोगों का दिल जीता है। पीएम मोदी ने एनटीआर की तारीफ करते हुए कहा कि 300 से अधिक फिल्मों में काम करने वाले एनटीआर को भगवान कृष्ण, राम और ऐसी कई अन्य भूमिकाओं और अभिनय के लिए लोग आज भी याद करते हैं।

तमिलनाडु-कर्नाटक के पुजारियों का सम्मान: ‘मन की बात’ कार्यक्रम से इतर पीएम मोदी ने सुबह में नए संसद भवन के कार्यक्रम में और एक दिन पहले भी तमिलनाडु से आए पुजारियों का न सिर्फ सम्मान किया बल्कि उनके साथ पूजा-अर्चना की।

प्रधानमंत्री ने ‘सेंगोल’ (राजदंड) को दंडवत प्रणाम किया और हाथ में पवित्र राजदंड लेकर तमिलनाडु के विभिन्न अधीनमों के पुजारियों का आशीर्वाद लिया। इसके बाद ‘नादस्वरम्’ की धुनों के बीच प्रधानमंत्री मोदी सेंगोल को नए संसद भवन लेकर गए और इसे लोकसभा कक्ष में अध्यक्ष के आसन के दाईं ओर एक विशेष स्थान में स्थापित किया। इस दौरान कर्नाटक के श्रृंगेरी मठ के पुजारियों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच ‘गणपति होमम्’ अनुष्ठान भी किया गया।

PM की बात के मायने: राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कर्नाटक चुनाव में बीजेपी की हार के बाद प्रधानमंत्री ने एक ही दिन महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश की दो महान विभूतियों (वीर सावरकर और एनटी रामाराव) को याद कर और तमिलनाडु व कर्नाटक के पुजारियों से नए संसद भवन में पूजा- प्रार्थना करवाकर दक्षिण में राजनीतिक किलेबंदी को फिर से मजबूत करने की सार्थक कोशिश की है। महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, जबकि तेलंगाना में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके अलावा मुंबई में बीएमसी चुनाव भी होने वाले हैं।

NTR के बहाने नायडू को संदेश: महाराष्ट्र समेत आस-पड़ोस के राज्यों में सावरकर को बड़ी शख्सियत के तौर पर देखा जाता है, वहीं आंध्र प्रदेश में एनटीआर को आज भी लोग नहीं भुले हैं। उनकी पार्टी तेलुगु देशम पार्टी उनके दामाद एन चंद्रबाबू नायडू संभाल रहे हैं। नायडू तीन बार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और एक बार फिर से बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन में आने की कोशिश कर रहे हैं।

आगामी चुनावों का गणित: लोकसभा चुनाव के नजरिए से देखें तो महाराष्ट्र में लोकसभा की 48, तमिलनाडु में 39, आंध्र प्रदेश में 25, तेलंगाना में 17 और कर्नाटक में 28 सीटें हैं। यानी इन पांच राज्यों से लोकसभा के कुल 157 सांसद चुनकर आते हैं, जो कुल लोकसभा सांसदों का करीब 30 फीसदी है। ऐसे में समझा जा सकता है कि कर्नाटक चुनाव हारने के बाद भी पीएम मोदी दक्षिणी राज्यों को इतना महत्व क्यों दे रहे हैं?