आपके मोबाइल से फेक ChatGPT App तुरंत हटाएं, वरना हो जाएंगे कंगाल

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नई दिल्ली। साइबर सिक्योरिटी फर्म सोफोस ने फर्जी चैटजीपीटी ऐप्स के बारे में लोगों को आगाह किया है। इसमें कहा गया है कि इन ऐप्स को डाउनलोड करना खतरनाक हो सकता है।
ChatGPT की बढ़ती पॉपुलैरिटी ऑनलाइन स्कैमर्स के लिए एक अवसर बन गई है। एआई चैटबॉट के आने के बाद से Google Play Store और Apple App Store पर कई नकली ऐप्स रोल आउट हो गए हैं।

रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि ये ऐप बिना सोचे-समझे यूजर्स को सब्सक्रिप्शन के लिए साइन अप करने के लिए मजबूर करते हैं, जिसकी कीमत एक साल में सैकड़ों डॉलर हो सकती है।

फर्जी ऐप कैसे करता है काम
सोफोस इन भ्रामक ऐप्स को ‘fleeceware’ का नाम दिया है। ऐसे ऐप यूजर्स को ढ़ेरों विज्ञापन देते रहते हैं जब तक कि वे सदस्यता नहीं ले लेते। फ्री सब्सक्रिप्शन खत्म होने के बाद भी ये चलते रहते हैं और बाद में यूजर्स को पता चलता है कि वे सदस्यता के लिए मासिक या साप्ताहिक भुगतान करने के लिए बाध्य हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि यूजर्स को भ्रमित करने और Google Play या ऐप स्टोर रैंकिंग पर फर्जी चैटजीपीटी ऐप “चैट जीबीटी” जैसे नामों के साथ उपलब्ध हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि OpenAI का चैटजीपीटी ऑनलाइन उपयोग करने के लिए मुफ्त में प्रमुख सुविधाएं प्रदान करता है। जबकि ये फर्जी ऐप यूजर्स से प्रति माह $10 से लेकर $70 प्रति वर्ष तक शुल्क लेते हैं।

आप क्या करें

  • इनमें से कुछ ChatGPT फेक ऐप्स को पहले ही ऐप स्टोर से हटा दिया गया है, लेकिन उम्मीद है कि भविष्य में नए फेक ऐप सामने आएंगे।
  • इसलिए, आपको इन फर्जी एआई ऐप्स से सावधान रहने की जरूरत है। ऐप डाउनलोड करने से पहले हमेशा सुनिश्चित करें कि यह असली है।
  • ‘सब्सक्राइब’ बटन दबाने से पहले टर्म्स कंडीशन पढ़ लें। यदि आपको ऐसे नकली ChatGPT ऐप मिलते हैं, तो आपको उन्हें Apple और Google को रिपोर्ट करना चाहिए।
  • जिन यूजर्स ने इन ऐप्स को पहले ही इंस्टॉल कर लिया है, उन्हें ऐप स्टोर या Google Play स्टोर द्वारा प्रदान की गई गाइडलाइन का पालन करना चाहिए।