भगवती सीता भारतीय संस्कृति में नारी भावना का चरमोत्कृष्ट उदाहरण

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कोटा विश्वविद्यालय के कौशल विकास केंद्र में सीता नवमी का आयोजन

कोटा। कोटा विश्वविद्यालय के कौशल विकास केंद्र में शनिवार को सीता नवमी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रोफेसर नीलिमा सिंह ने की। कार्यक्रम के दौरान इस्कॉन के गजेंद्र विष्णुपति के द्वारा सीता माता की के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। उन्होंने छात्र- छात्राओं को भारतीय संस्कृति, वेदों और गीता से अवगत कराया।

उन्होंने कहा कि भगवती सीता जी की पति- परायणता, त्याग, सेवा, संयम, सहिष्णुता, लज्जा, विनयशीलता भारतीय संस्कृति में नारी भावना का चरमोत्कृष्ट उदाहरण है। समस्त नारी जाति के लिए अनुकरणीय है। कुलपति नीलिमा सिंह ने कहा कि माता सीता और उनके समकालीन सभी पात्र अनुकरणीय हैं। जिनके जीवन से थोड़ा अंश भी ग्रहण किया जाए तो विश्व की सारी समस्याएं दूर हो सकती हैं।

कार्यक्रम में भगवान परशुराम तथा लक्ष्मण संवाद पर छात्र- छात्राओं द्वारा ड्रामा किया गया। साथ ही, गिटार तथा अन्य वाद्य यंत्रों पर गीतों की प्रस्तुति दी गई। इस दौरान दीपदान और पुष्पांजलि भी की गई।

कौशल विकास केंद्र की डायरेक्टर डॉ. अनुकृति शर्मा ने धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में प्रोफेसर गोपाल सिंह नरूका, सह समन्वयक कौशल विकास केंद्र डॉ. पायल दीक्षित, प्रोक्टर चक्रपाणि गौतम, डॉ. जौली भंडारी, डॉ. शिखा दाधीच, डॉ. श्रुति अरोड़ा, डॉ. प्रिया सोडाणी कार्यक्रम में मौजूद रहे।