समझ संसद की प्रतियोगिता के विजेता विद्यार्थी दिल्ली में देखेंगे राष्ट्रीय महत्व के स्मारक
कोटा। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला की पहल पर आयोजित की गई समझ संसद की प्रतियोगिता के विजेता विद्यार्थी 30 अप्रेल से संसद देखने जाएंगे। पहले चरण में करीब 500 विद्यार्थी 30 अप्रेल से 10 मई के बीच दिल्ली जाएंगे।
युवाओं में लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक आदर्शों को सशक्त करने के लिए लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला की पहल पर समझ संसद की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र में पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर आयोजित की गई यह देश में पहली प्रतियोगिता है जिसमें कक्षा 6 से 12 के विद्यार्थियों का चयन संसद भ्रमण के लिए किया गया।
प्रतियोगिता का पहला चरण 1 दिसम्बर 2022 को आयोजित किया गया था। पहले चरण में सफल रहे विद्यार्थियों ने 12 जनवरी 2023 को आयोजित दूसरे चरण की प्रतियोगिता में भाग लिया था। दूसरे चरण के परिणाम के आधार पर सफल रहे विद्यार्थियों को अब विभिन्न चरणों में दिल्ली ले जाया जाएगा।
संसद भ्रमण का पहल चरण 30 अप्रेल को प्रारंभ होगा। इस दिन कोटा से रवाना हुए बच्चे 1 मई को संसद देखेंगे। इसी तरह 1 मई को रवाना हुए बच्चे 2 मई को, 9 मई को रवाना हुए बच्चे 10 मई को तथा 10 मई को रवाना हुए बच्चे 11 मई को संसद व राष्ट्रीय महत्व के अन्य स्मारक देखेंगे।
विभूतियों के नाम पर दलों के नाम: पहले चरण में दिल्ली जाने वाले विद्यार्थियों को चार दलों में बांटा गया है। हर दल का नाम भारत की महान विभूति के नाम पर रखा गया है। 30 मई को जाने वाले दल में बूंदी, केशवरायपाटन, नैंनवां तथा तालेड़ा ब्लॉक के 106 छात्र प्रताप दल में होंगे। 1 कई को जाने वाले विवेकानंद दल में इटावा, सुल्तानपुर, खैराबाद तथा सांगोद ब्लॉक के 102 छात्र होंगे। 9 मई को जाने वाले रानी झांसी दल में इटावा, सुल्तानपुर, खैराबाद तथा सांगोद की 127 छात्राएं होंगी। इसी तरह 10 मई को जाने वाले कल्पना चावला दल में कोटा शहर की छात्राएं रहेंगी।
विद्यार्थियों को मिलेगी सारी सुविधाएं: कोटा-बूंदी के विद्यार्थियों की दिल्ली यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के निर्देश पर व्यापक इंतजाम किए गए हैं। सभी विद्यार्थियों को शिक्षा विभाग के कार्यालय पर एकत्र होना होगा जहां से उन्हें बसों से कोटा रेलवे स्टेशन लाया जाएगा। कोटा-दिल्ली के बीच विद्यार्थी कोटा-सोगरिया एक्सप्रेस में सफर करेंगे। दिल्ली में भी उनके आवास और भोजन की व्यवस्था की गई है।