मौद्रिक समीक्षा, आर्थिक आंकड़े, वैश्विक रुख से तय होगी इस सप्ताह बाजार की दिशा

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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजे, वृहद आर्थिक आंकड़े और वैश्विक रुख इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय करेंगे। विश्लेषकों ने यह राय जताई है। इसके अलावा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की गतिविधियां भी बाजार की दिशा को प्रभावित करेंगी। मंगलवार को ‘महावीर जयंती’ और शुक्रवार को ‘गुड फ्राइडे’ पर बाजार में अवकाश रहेगा।

स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौर ने कहा, ”निवेशकों की निगाह एफपीआई और घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) के रुख पर रहेगी। एफपीआई अब शुद्ध खरीदार हो गए हैं। बाजार की निगाह रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक पर भी होगी। एमपीसी की बैठक के नतीजे छह अप्रैल को घोषित होंगे।”

शनिवार को आए वाहन बिक्री के आंकड़े काफी अच्छे रहे हैं। मारुति सुजुकी, हुंदै और टाटा मोटर्स ने बीते वित्त वर्ष में अपनी सबसे ऊंची सालाना बिक्री दर्ज की है। यह आज की तारीख तक वाहन उद्योग का सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है। रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष तकनीकी शोध अजित मिश्रा ने कहा, ”यह सप्ताह छुट्टियों वाला है।

कई घटनाक्रमों तथा आंकड़ों की वजह से बाजार भागीदार ‘व्यस्त’ रहेंगे। वृहद आर्थिक मोर्चे पर विनिर्माण पीएमआई और सेवा पीएमआई के आंकड़े तीन और पांच अप्रैल को आएंगे। बाजार की निगाह विशेषरूप से छह अप्रैल को आने वाली एमपीसी की बैठक के नतीजे पर रहेगी।”

उन्होंने कहा कि घरेलू कारकों के अलावा विदेशी कोषों का प्रवाह भी बाजार की दिशा को प्रभावित करेगा।बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,464.42 अंक या 2.54 प्रतिशत के लाभ में रहा। शुक्रवार को सेंसेक्स 1,031.43 अंक या 1.78 प्रतिशत के लाभ से 58,991.52 अंक पर बंद हुआ था।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि निकट भविष्य में बाजार की निगाह रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक पर रहेगी। शुक्रवार को एशिया, यूरोप और अमेरिका के बाजार भी सकारात्मक रुख के साथ बंद हुए थे।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि निवेशकों को एमपीसी की बैठक के नतीजों के साथ पीएमआई आंकड़ों का बेसब्री से इंतजार है। इसके अलावा अमेरिका के निजी उपभोग के आंकड़ों पर सभी की निगाह रहेगी। इसके आधार पर ही अमेरिकी केंद्रीय बैंक का भविष्य का रुख तय होगा।