लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य किसान का अधिकार

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भारतीय किसान संघ की संभागीय बैठक में किसानों ने फिर भरी हुंकार

कोटा। भारतीय किसान संघ कोटा संभाग की बैठक शुक्रवार को खड़े गणेश जी स्थित ऋषि आश्रम पर आयोजित की गई। प्रांत प्रचार प्रमुख आशीष मेहता ने बताया कि संघ के अखिल भारतीय संगठन मंत्री दिनेश कुलकर्णी ने संगठनात्मक, आंदोलनात्मक तथा रचनात्मक गतिविधियों पर चर्चा की।

वहीं असमय बारिश से किसानों के नुकसान और आगे की रणनीति के बारे में भी आंदोलन की रणनीति तैयार की गई। इस दौरान सरकार की नीतियों के खिलाफ आंदोलन करने के लिए किसानों ने फिर से हुंकार भरी है। मंच पर प्रांत महामंत्री अंबालाल शर्मा तथा संभाग अध्यक्ष विक्रम सिंह सिरोहियाभी मौजूद रहे।

बैठक में राष्ट्रीय महामंत्री दिनेश कुलकर्णी ने कहा कि सरकार की आयात निर्यात नीति तथा टैक्स नीति आज भी किसान हितेषी नहीं है। भारतीय किसान संघ अपने प्रारंभिक काल से लाभकारी मूल्य की बात करता आया है। लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य किसान का अधिकार है।

इसके लिए यदि लंबी लड़ाई लड़नी पड़ेगी तो हमें तैयार रहना होगा। भारतीय किसान संघ जनबल को साथ लेकर कार्य कर रहा है। धनबल से काम करने वालों के साथ संघर्ष करना है। उन्होंने कहा कि बीमा की नीति इस प्रकार की है कि केवल कंपनियों को लाभ मिल रहा है। इसका किसानों को कोई फायदा नहीं हो रहा है।

दिनेश कुलकर्णी ने कहा कि हम सरकार से मांग करते हैं कि सभी प्रकार की सब्सिडी को समाप्त कर दिया जाए। किसान को प्रति एकड़ के हिसाब से उसके खाते में राशि डाल देनी चाहिए। जिसे रासायनिक खेती करनी है वह रासायनिक खाद लेगा और जिसे जैविक खेती करनी है वह जैविक खाद ले सकेगा।

महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में अतिरिक्त राशि जोड़ते हुए किसानों को 12 हजार रुपए की किसान सम्मान निधि दी जा रही है। राजस्थान में भी राज्य सरकार को अपनी ओर से अतिरिक्त राशि जोड़नी चाहिए। राजस्थान सरकार ने घोषणाएं तो बहुत की हैं, लेकिन उनमें से 10% भी पूरी नहीं की।

उन्होंने कहा कि किसान की आवाज सत्य की आवाज है, सत्य परेशान हो सकता है, अधिक दिन तक छुपकर नहीं रह सकता है। उन्होंने कहा कि भारतीय किसान संघ सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ रहा है। संगठन के 50 वर्ष पूर्ण होने पर कोटा में स्वर्ण जयंती वर्ष मनाएंगे।

आज भारतीय किसान संघ के विचार को आधुनिक समाज भी मान्यता दे रहा है। गौ आधारित जैविक खेती की बात की जा रही है।भारतीय चिंतन परंपरा के आधार पर हमें काम खड़ा करना है। देश को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने में किसानों ने सर्वाधिक योगदान दिया है। सदैव धरती पर लिखा ही कायम रहता है। हमें जमीनी स्तर पर काम खड़ा करना है। हमें 2024 तक 10 हजार ग्राम पंचायतों में समितियां बनाते हुए अपने सदस्यता को 10 लाख तक ले जाने के लिए काम करना है।

बैठक में कार्यकारिणी सदस्य मोहनलाल नागर, प्रदेश मंत्री जगदीश कलमंडा, कोषाध्यक्ष शिवराज पुरी, महिला प्रमुख राममूर्ति मीणा, सह महिला प्रमुख भारती नागर, प्रांत संगठन मंत्री परमानंद, प्रांत मंत्री जगदीश खाती, प्रांत प्रचार प्रमुख आशीष मेहता, महिला प्रमुख रजनी धाकड़, जैविक प्रमुख प्रहलाद नागर, युवा प्रमुख राधेश्याम गुर्जर, प्रांत उपाध्यक्ष घनश्याम मीणा समेत कोटा, बूंदी, बारां तथा झालावाड़ जिले की 53 तहसीलों से कार्यकर्ता मौजूद रहे।