भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी संगठन में बड़ा बदलाव करते हुए चित्तौड़गढ़ सांसद चंद्र प्रकाश जोशी (CP Joshi) को सतीश पूनियां के स्थान पर भाजपा का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है।
-कृष्ण बलदेव हाडा-
भारतीय जनता पार्टी में संगठन की राजनीति से सत्ता की राजनीति तक पहुंचने की कवायद कर रहे विधायक सतीश पूनियां को गुरुवार को उस समय करारा धक्का लगा, जब पार्टी ने अकस्मात चौंकाने वाला फैसला करते हुए चित्तौड़गढ़ संसदीय क्षेत्र से दो बार के भारतीय जनता पार्टी के सांसद चंद्र प्रकाश जोशी को प्रदेश भारतीय जनता पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया।
इस बारे में राजस्थान में पार्टी के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने जानकारी दी है, जिसमें वह पत्र भी जारी किया गया है जिसके जरिए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने डॉ. सतीश पूनियां के स्थान पर सीपी जोशी को प्रदेश भारतीय जनता पार्टी का नया अध्यक्ष नियुक्त करने की घोषणा की है।
भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी संगठन में बड़ा बदलाव करते हुए चित्तौड़गढ़ सांसद चंद्र प्रकाश जोशी (CP Joshi) को सतीश पूनियां के स्थान पर भाजपा का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। इस संबंध में संगठन महामंत्री एवं मुख्यालय प्रभारी अरुण सिंह ने श्री जोशी की नियुक्ति के आदेश जारी किए कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उहें राजस्थान भाजपा का अध्यक्ष नियुक्त किया है।
उल्लेखनीय है कि डॉ. पूनियां तीन साल से अधिक समय से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे और संगठन ने उनके अच्छे काम को देखते हुए पिछले दिनों ही उनका कार्यकाल बढ़ाया था। माना जा रहा था अब विधानसभा चुनाव तक प्रदेश अध्यक्ष यही रहेंगे, लेकिन गुरुवार को पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष बदल दिया। सीपी जोशी लगातार दूसरी बार चितौड़गढ़ से सांसद चुने गए थे और इससे पहले भी वह विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं।
राजस्थान विधानसभा का इस साल चुनावी साल होने के कारण निवर्तमान प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष सतीश पूनियां इस पद पर बने रहने के प्रति पूरी तरह से आश्वस्त थे क्योंकि उनका दो साल का प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कार्यकाल समाप्त हो चुका था, लेकिन पार्टी ने उन्हें विधानसभा चुनाव को देखते हुए ही विस्तार देकर प्रदेश अध्यक्ष बनाए रखने का निर्णय किया था तो सतीश पूनियां आश्वस्त थे कि वे विधानसभा चुनाव तक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बने रहेंगे।
इसी आशा के साथ उन्होंने एक नई उम्मीद भी पाल ली थी कि पुरानी रवायत के तहत यदि इस बार भी राजस्थान में सत्ता परिवर्तन का क्रम जारी रहता है तो बहुत मुमकिन है कि प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते पार्टी उन्हें मुख्यमंत्री बना दे, लेकिन पार्टी के अकस्मात में लिए गए इस चौंकाने वाले फ़ैसले ने सतीश पूनियां की उम्मीदों पर पानी फेर दिया लगता है।