किसानों को 50% फसल के नुकसान पर 32,000 रुपये हेक्टेयर की दर से मुआवजा

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मप्र की शिवराज सरकार का फैसला

इंदौर। आधिकारिक रूप से पंजीकरण आज से फिर शुरू कर दिया है। यह कदम राज्य सरकार ने बेमौसमी बरसात के कारण प्रदेश में गेहूं की खड़ी फसल को व्यापक रूप से नुकसान पहुंचने की सूचना मिलने के मद्देनजर उठाया है। पहले पंजीकरण की अंतिम तिथि 28 फरवरी थी। इसे बाद में बढ़ाकर 5 मार्च कर दिया गया था।

राज्य सरकार ने 50 फीसदी फसल का नुकसान होने की स्थिति में 32,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से वित्तीय मदद देने की भी घोषणा की है। सरकार ने फसल बीमा योजना के तहत भुगतान शीघ्र करने की भी घोषणा की है।

इससे पंजीकरण नहीं करवाने वाले किसानों को एक मौका और मिलेगा। इससे किसान पहले से तय न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,125 रुपये प्रति क्विंटल पर सरकारी खरीद चैनलों को अपना गेहूं बेच सकेंगे। इस कदम से न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर जा चुके गेहूं के भाव संभालने में मदद मिलेगी। गेहूं के दाम गिरने के कारण किसानों में असंतोष बढ़ रहा है।

हालिया घटनाक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित विदिशा जिले के गांवों का दौरा किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बागवानी की फसल को हुए नुकसान का जायजा लें। इससे किसानों को मुआवजा दिया जा सकेगा। चौहान ने कहा कि 50 फीसदी से अधिक फसल का नुकसान होने की स्थिति में 32,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।

सरकारी अधिकारियों के मुताबिक गाय/भैंस का नुकसान की भरपाई के लिए प्रति मवेशी 37,500 रुपये दिए जाएंगे। बछिया का नुकसान होने पर 20,000 रुपये, भेड़ का नुकसान होने पर 4,000 रुपये और मुर्गे व मुर्गी का नुकसान होने पर 100 रुपये प्रति इकाई दिया जाएगा।

बारिश से घरों के नुकसान पर भी मुआवजा
चौहान ने किसानों को आश्वस्त किया कि ऋण वसूली की तारीख को बढ़ा दिया जाएगा और किसानों के ऋण के ब्याज का भुगतान सरकार करेगी। अगली फसल तक शू्न्य ब्याज दर पर ऋण मुहैया करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि बारिश से पीड़ित किसानों की बेटियों की शादी के लिए मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत संबंधित परिवार को 56,000 रुपये की सहायता का प्रावधान है।