नई दिल्ली। सुरक्षा खतरे को देखते हुए बीते करीब दो सालों में सरकार ने सैकड़ों ऐप पर बैन लगाया है। अब सरकार स्मार्टफोन तैयार करने वाली कंपनियों पर भी सख्ती करने की तैयारी में है। इसके तहत स्मार्टफोन कंपनियां फोन में ऐप प्रीइंस्टॉल (पहले से ही फोन में डाले गए ऐप) नहीं कर सकेंगे। इसके अलावा ऑपरेटिंग सिस्टम में बड़े अपडेट की भी स्क्रीनिंग की जाएगी।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार के इस फैसले से कई बड़ी फोन निर्माता कंपनियां प्रभावित होंगी। इन कंपनियों के स्मार्टफोन में पहले से इंस्टॉल कई ऐप होते हैं। आमतौर पर इन ऐप को यूजर फोन से हटा भी नहीं पाते हैं। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन मार्केट है। ऐसे में सरकार के इस फैसले को नजरअंदाज करना कंपनियों के लिए आसान नहीं होगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय स्मार्टफोन यूजर के डाटा की जासूसी और उसके गलत इस्तेमाल को लेकर चिंतित है। सूत्रों ने बताया कि फिलहाल नए नियमों पर विचार चल रहा है। पहले से इंस्टॉल ऐप सुरक्षा की दृष्टि से ठीक नहीं है। हम नहीं चाहते कि चीन समेत कोई भी विदेशी ताकत इसका फायदा उठाएं। यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला है।
300 चीनी ऐप पर लग चुका बैन: सरकार की ओर से चीन की तकनीकी कंपनियों के खिलाफ 2020 से ही सख्ती का दौर जारी है। सरकार ने तब से अब तक टिकटॉक समेत 300 से ज्यादा चीनी ऐप बैन किए हैं। चीनी कंपनियों की ओर से भारत में किए गए निवेश पर भी सख्ती की गई है।