कोटा /राजसमंद/केलवा। प्रदेश के मार्बल और ग्रेनाइट कारोबार पर राज्य सरकार ने शुक्रवार से रॉयल्टी बढ़ाने की घोषणा कर दी। इसका कारोबारियों ने जोरदार विरोध शुरू करते हुए लदान बंद करने की घोषणा की। मार्बल व्यवसायियों ने कहा कि इसके विरोध में हड़ताल शनिवार से शुरू हो रही है जिससे ट्रकों के चक्के थम जाएंगे।
राज्य सरकार ने मार्बल के कच्चे माल पर रॉयल्टी 29 प्रतिशत बढ़ा दी है। पहले यह राशि 240 रुपए थी। यह रॉयल्टी 101 रुपए बढ़ाकर 341 रुपए कर दी है। गौरतलब है कि इससे पूर्व वर्ष 2014 में मार्बल रॉयल्टी 60 रुपए की बढ़ोतरी की गई थी। प्रदेश के 33 जिलों में से 22 जिलों में मार्बल व्यवसाय फैला हुआ है।
राज्यभर में इस उद्योग से करीब 50 लाख व्यक्ति प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं। मार्बल माइन ऑनर्स एसोसिएशन की कार्यकारिणी की आपात बैठक शुक्रवार को केलवा स्थित एसोसिएशन कार्यालय में हुई। बैठक में निर्णय होते ही देर शाम से ही मार्बल खदानों से लदान बंद कर दिया गया।
एसोसिएशन के अध्यक्ष गौरव सिंह राठौड़ ने कहा कि मार्बल व्यवसायी पहले से ही ई-रवन्ना, ऑनलाइन रिटर्न, जीएसटी के कारण परेशान हो रहे हैं। ऐसे में रॉयल्टी बढ़ने से खनन व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित होगा। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि शुक्रवार से ही आगामी सूचना तक समस्त खनन पट्टाधारी अपनी खदानों से मार्बल का लदान बंद रखेंगे।
राजसमंद जिले में कुल 12 सौ मार्बल खदानें, ग्रेनाइट 300 खदानें, 3000 कटर, 500 मार्बल गैंगसा, 300 ग्रेनाइट गैंगसा कटर लगे हुए हैं। जिले में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से मार्बल व्यवसाय से पांच लाख से ज्यादा लोग जुड़े हुए हैं।
बढ़ी दरें वापस लेने का अनुरोध
राजस्थानके सभी मार्बल संगठनों से आंदोलन में सहयोग लेने की कोशिश की जा रही है। बढ़ी हुई रॉयल्टी दरें वापिस लेने के लिए सरकार से बार-बार अनुरोध कर रहे है, जिससे मार्बल व्यवसाय को जिन्दा रख सकें। आगे मार्बल संघर्ष समिति का जो भी निर्णय होगा उस अनुरूप आंदोलन चलाया जाएगा।
-गौरवसिंह राठौड़, अध्यक्ष मार्बल माइंस ऑनर्स एसोसिएशन, राजसमंदलघु उद्योग के लिए राहत जरूरी
राज्यसरकार ने जीएसटी की ऊंची दरें लागू हाेने के बावजूद मार्बल उद्योग को राहत प्रदान करने के लिए कुछ नहींं किया। अब रॉयल्टी की मार से यह उद्योग उबर ही नहीं सकेगा। सरकार की उदासीनता से लघु उद्योग खत्म हो जाएगा। सरकार को जल्द ही इस समस्या से राहत के कदम उठाने चाहिए।
-सुरेशटांक, अध्यक्ष किशनगढ़ मार्बल एसोसिएशन, किशनगढ़
जीएसटी के विरोध में भी एक महीने बंद रहा था व्यवसाय
केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी लागू करने के दौरान भी प्रदेश के मार्बल उत्पादक क्षेत्रों में एक माह तक मार्बल व्यापार बंद रहा था। राजसमंद जिले में मार्बल सबसे प्रमुख व्यवसाय है।
यहां हर दिन करीब 10 करोड़ का व्यवसाय होता है। जीएसटी के विरोध में हुए बंद के दौरान प्रतिदिन 40 लाख रुपए के हिसाब से पूरे महीने 12 करोड़ से अधिक का राजस्व का राज्य सरकार को नुकसान हुआ।
अकेले राजसमंद जिले का ईआरसीसी ठेका 150 करोड़ के लगभग का है। मार्बल खनन के लिए पर्यावरण स्वीकृति का नियम लागू करने के दौरान भी मई-जून दो माह तक कारोबार प्रभावित रहा।
इसी प्रकार नोट बंदी लागू होने के बाद भी एक महीने तक मार्बल कारोबार प्रभावित रहा।
अब रॉयल्टी ने निकाला कोटा स्टोन का दम
रामगंजमंडी (कोटा)| कोटा स्टोन कारोबार पर भी बढ़ी हुई रॉयल्टी की मार पड़ेगी। शुक्रवार से कोटा स्टोन की रॉयल्टी 33 रुपए प्रति टन बढ़ा दी गई। इससे रामगंजमंडी क्षेत्र में ही प्रतिदिन व्यापारियों पर करीब दस लाख रुपए का अतिरिक्त भार बढ़ गया है।
गुजरात, महाराष्ट्र में टाइल्स की खपत अधिक होने से वहां भेजे जाने वाले कोटा स्टोन में कमी आई है। इसके बाद गत जुलाई से लागू हुए जीएसटी ने कोटा स्टोन के कारोबार को बुरी तरह प्रभावित किया। व्यापारियों काे जब इसका पता चला तो उनमें रोष छा गया।