धरणीधर गार्डन में आयोजित श्रीमद भागवत कथा ज्ञानयज्ञ
कोटा। धरणीधर जनसेवा संस्थान के तत्वावधान में खड़े गणेश जी स्थित गार्डन में आयोजित की जा रही श्रीमद भागवत कथा ज्ञानयज्ञ सप्ताह के तीसरे दिन सोमवार को सती चरित्र, प्रहलाद भक्ति, ध्रुव भक्ति, नृसिंह अवतार की कथा का भावपूर्ण वर्णन किया गया। व्यासपीठ से कथावाचक पं. रवि गौतम ने कहा कि भक्त चाहे तो भगवान को भक्ति के प्रताप से इस धरा धाम पर भी ला सकता है।
नृसिंह अवतार के कथानक का वर्णन करते हुए कथा व्यास ने “आजा आजा सांवरिया नरसी टेर लगावे रे, भात भरण ने आवे, अब क्यूं देर लगावे रे…’’ सुनाया तो श्रद्धालु थिरकने लगे। उन्होंने कहा कि परम सत्ता में विश्वास रखते हुए हमेशा सद्कर्म करते रहना चाहिए। सत्संग हमें भलाई के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है।
उन्होंने कहा कि जब तक जीव अपनी माता के गर्भ में रहता है। तब तक वह बाहर निकलने के लिये छटपटाता रहता है। उस समय वह जीव बाहर निकलने के लिए ईश्वर से अनेक प्रकार के वादे करता है। मगर जन्म लेने के पश्चात सांसारिक मोह माया में फंसकर वह भगवान से किए गए वादों को भूल जाता है। जिसके परिणामस्वरूप उसे चौरासी लाख योनी भोगनी पड़ती है।
व्यक्ति अपने जीवन में जिस प्रकार के कर्म करता है, उसी के अनुरूप उसे मृत्यु मिलती है। भगवान ध्रुव के सत्कर्मों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि ध्रुव की साधना, उनके सत्कर्म तथा ईश्वर के प्रति अटूट श्रद्धा के परिणाम स्वरूप ही उन्हें वैकुंठ लोक प्राप्त हुआ।
कथा में उत्तानपाद के वंश में ध्रुव चरित्र की कथा को सुनाते हुए समझाया कि ध्रुव की सौतेली मां सुरुचि के द्वारा अपमानित होने पर भी उसकी मां सुनीति ने धैर्य नहीं खोया। जिससे एक बहुत बड़ा संकट टल गया। परिवार को बचाए रखने के लिए धैर्य, संयम की नितांत आवश्यकता रहती है।
भक्त ध्रुव द्वारा तपस्या कर श्रीहरि को प्रसन्न करने की कथा को सुनाते हुए बताया कि भक्ति के लिए कोई उम्र बाधा नहीं है। भक्ति को बचपन में ही करने की प्रेरणा देनी चाहिए। क्योंकि बचपन कच्चे मिट्टी की तरह होता है। उसे जैसा चाहे वैसा पात्र बनाया जा सकता है। कथा के दौरान उन्होंने बताया कि पाप के बाद कोई व्यक्ति नरकगामी हो, इसके लिए श्रीमद् भागवत में श्रेष्ठ उपाय प्रायश्चित बताया है।
कथा व्यास पं रवि गौतम ने प्रह्लाद चरित्र के बारे में विस्तार से सुनाया। उन्होंने बताया कि भगवान नृसिंह रुप में लोहे के खंभे को फाड़कर प्रगट होना बताता है कि प्रह्लाद का विश्वास अटल था। मेरे भगवान इस लोहे के खंभे में भी हैं और उस विश्वास को पूर्ण करने के लिए भगवान उसी में से प्रकट हुए।
संस्थान के महामंत्री महावीर नागर ने बताया कि प्रतिदिन दोपहर 12 से 3 बजे कथा की जा रही है। सोमवार को कथा विश्रांति पर मुख्य अतिथि रामगंजमंडी विधायक मदन दिलावर, धरणीधर जनसेवा संस्थान के अध्यक्ष व पूर्व विधायक हीरालाल नागर, तुलसीराम धाकड़, शांतिलाल नागर, डॉ. आरपी नागर, मुख्य यजमान फुलचन्द नागर ढोटी वाले आरती में सम्मिलित हुए।