बूंदी का तानसेन बासमती चावल अंतरराष्ट्रीय स्तर का ब्रांड कैसे बना, देखिए वीडियो

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कोटा/ बूंदी। बूंदी का तानसेन बासमती चावल वर्तमान में देश में ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी ख्याति प्राप्त ब्रांड है। यह ब्रांड आज किसी पहचान का मोहताज नहीं है। इसके पीछे 50 साल की मेहनत है। ब्रांड कोई एक दिन में नहीं बन जाता। इसके लिए कड़ी मेहनत और ईमानदारी की भी जरूरत होती है। यह कहना है तानसेन बासमती चावल के निर्माता विनोद न्याति का।

तानसेन बासमती चावल कैसे ब्रांड बना, यह जानने के लिए हमारे चैनल LEN DEN NEWS ने मिल मालिक विनोद न्याति से साक्षात्कार किया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में बूंदी (राजस्थान) में 22 राइस मिलें हैं। न्याति बताते हैं कि सबका अपना ब्रांड है। इन सबके बीच तानसेन ब्रांड की अपनी अलग पहचान है। क्योंकि वह कभी क्वालिटी और रेट में समझौता नहीं करते।

अगर ज्यादा मुनाफे के चक्कर में क्वालिटी गिराई तो मार्केट में आपकी गुडविल खत्म हो जाएगी। इसलिए सबसे पहले वह क्वालिटी का ध्यान रखते हैं। उन्होंने बताया कि 50 साल से वह मार्केट में इसलिए जमे हुए हैं। क्वालिटी इम्प्रूव करने के लिए समय के साथ उन्होंने नई टेक्नोलॉजी की मशीनें लगाई हैं। वर्तमान में बूंदी में जितनी भी राईस मिलें चल रही है उनका 90 फीसदी बासमती चावल निर्यात होता है।

न्याति ने बताया कि अच्छी क्वालिटी के बासमती की विदेशों में खूब मांग है। मिलें चलाने के लिए रोजाना करीब 70 लाख बोरी धान की जरूरत होती है। आने वाले समय में पूरी क्षमता से मिलें चलने के लिए एक लाख बोरी धान की जरूरत होती है।

उन्होंने बताया कि सरकार का खाद्य वस्तुओं पर टैक्स लगाना ठीक नहीं है। यह आवश्यक वस्तु है। टैक्स के मामले में सरकार को अपनी नीतियों में बदलाव की जरूरत है। अधिक जानकारी के लिए दोस्तों यह वीडियो देखिये और अधिक से अधिक शेयर कीजिए।