डेटा एक्सेस करने में ‘बैंडविड्थ’ की अहम भूमिका है, बैंडविड्थ ज्यादा होगी तो डेटा भी ज्यादा ट्रांसफर होगा।
नई दिल्ली। टेलीकॉम कंपनियां ग्राहकों को उपयोग में पाया डेटा, आगे इस्तेमाल करने के ऑफर दे रही हैं। मगर सामान्य स्पीड पर रोजाना 2 जीबी से ज्यादा डेटा वे अब भी नहीं दे रहीं है। असल में कंपनियों के पास डेटा उपलब्ध करवाने की क्षमताएं कम और ग्राहक ज्यादा हैं।
ऐसे में वे अगर प्रतिव्यक्ति डेटा की खपत सीमित कर देती हैं, तो ज्यादा ग्राहकों को थोड़ा-थोड़ा डेटा दे सकती हैं। डेटा लिमिट के बाद इंटरनेट की रफ्तार को सामान्य करने के लिए भी ग्राहक बूस्टर रिचार्ज करवाते हैं। यह कंपनियों के लिए अतिरिक्त कमाई है। इसलिए कंपनियों ने ‘फेयर यूसेज पॉलिसी’ बनाई है।
इसके पीछे तर्क है कि सभी ग्राहकों को समान डेटा मिले, लेकिन इससे ग्राहकों का नुकसान ही है। कुछ कंपनियां यह भी चाहती हैं कि ट्राई डेटा ट्रांसफर की मिनिमम स्पीड 512 केबीपीएस से घटाकर 64 केबीपीएस कर दे। ताकि लिमिट खत्म होने के बाद ग्राहक इंटरनेट इस्तेमाल कर ही सके और बूस्टर रिचार्ज करवाए।
किस काम में कितना लग रहा है डेटा
एक्टिविटी डेटा की खपत
{1घंटा वेब ब्राउजिंग 10 से 25 एमबी
{1 घंटे फेसबुक 20 एमबी
{1 गाना डाउनलोड 4 एमबी
{30 मिनट यूट्यूब स्ट्रीमिंग 175 एमबी
{नॉन एचडी फिल्म डाउनलोड 700 एमबी
{एचडी फिल्म डाउनलोड 4 जीबी
{1 घंटे एचडी वीडियो की स्ट्रीमिंग 2 जीबी
{1 घंटे म्यूजिक की स्ट्रीमिंग 150 एमबी
हमें इसलिए नहीं मिल पा रहा है रोज 2 जीबी से ज्यादा डेटा
डेटा एक्सेस करने में ‘बैंडविड्थ’ की अहम भूमिका है। बैंडविड्थ ज्यादा होगी तो डेटा भी ज्यादा ट्रांसफर होगा। मगर यही बैंडविड्थ कम रहे, तो सिग्नल की रेंज ज्यादा होती है। इससे कम डेटा दूर तक जाता है।
यानी कंपनियों को कम इंफ्रास्ट्रक्चर में ज्यादा कवरेज मिलता है। कंपनियां यही चाहती भी हैं। इसलिए इंफ्रास्ट्रक्चर यानी नए स्पेक्ट्रम पर पैसा खर्च करने से बचती हैं। इसका सीधा असर ग्राहकों को मिलने वाले डेटा की क्वालिटी पर पड़ता है।
दस माह में नौ गुना बढ़ा उपयोग
डेटा का इस्तेमाल जून 2016 से मार्च 2017 के बीच 9 गुना बढ़ा है। पहले डेटा की मासिक खपत लगभग 15 करोड़ जीबी थी। इस वर्ष की पहली तिमाही के अंत तक 130 करोड़ जीबी पहुंच गई। वजह कीमतों में गिरावट है।
इस समयावधि के बीच 1 जीबी डेटा की कीमतें 110 रु. तक घट गई हैं। पहले इतने डेटा के लिए महीने में लगभग 225 रु. तक चुकाने पड़ रहे थे, अब लगभग 116 रु.। हालांकि जियो के ग्राहक इतने डेटा के लिए 15 रु. से भी कम चुका रहे हैं।